डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश : एआईएसएफ

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बेगूसराय : आम बजट 2022-23 में छात्र-युवाओं, ग्रामीण कामगारों को उपेक्षित किये जाने का आरोप लगाकर छात्र संगठन एआईएसएफ ने आम बजट के विरोध में प्रतिरोध मार्च निकालकर आक्रोश जाहिर किया है। पटेल चौक स्थित एआईएसएफ कार्यालय से जीडी कॉलेज तक मार्च निकालकर संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। बाद में एआईएसएफ जिला सहसचिव विवेक कुमार की अध्यक्षता में जीडी काॅलेज के मुख्यद्वार पर एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ जिला सचिव राकेश कुमार ने कहा कि आम बजट में एक बार फिर से छात्र-युवाओं को निराश किया गया है। केन्द्रीय बजट का साफ संकेत है कि पीपीपी माॅडल पर रेलवे सहित अन्य संस्थानों को विकसित किया किया जाएगा। निजीकरण की नीतियों को लागू कर रोजगार विहिन विकास की नीति आगे बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना से गरीब छात्र उचित व्यवस्था के अभाव में शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।

इस आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्य वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है।सहसचिव विवेक कुमार ने कहा कि कार्पोरेट टैक्स में छूट देना और ग्रामीण रोजगार में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले मनरेगा का फण्ड कटौती करना सरकार का गरीब वर्ग के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि “सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास” का नारा देने वाली मोदी सरकार पूँजीपतियों की कठपुतली बनकर रह गई है। एसबीएसएस कॉलेज अध्यक्ष वसंत कुमार एवं जीडी काॅलेज अध्यक्ष अनंत कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि केन्द्रीय आम बजट में शिक्षकविहीन विश्वविद्यालय के भरोसे विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान चलाने की योजना है।

भारत का छात्र-युवा, वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था।परंतु वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है। इस मौके पर संगठन के जिला परिषद सदस्य विपुल कुमार, बिपीन कुमार, जीडी काॅलेज सचिव दुर्गेश नंदन, विकास कुमार, छात्र नेता शिवम कुमार, अमर शंकर, सुनील कुमार, सुमन कुमार, आदित्य, आलोक आदि मौजूद थे।

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