DESK : बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी पहली बार केंद्र सरकार की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे. केंद्रीय बजट के पूर्व विचार-विमर्श के दौरान विजय कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा और अटल बिहार वाजपेयी की सरकार से वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार की तुलना कर दी. विशेष राज्य के दर्जा की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज देने का आग्रह किया व अपने सुझाव भी रखे.
बिहार राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से यह ट्रेंड देखने में आ रहा है कि राज्यों की वित्तीय स्वायत्ता और वित्तीय प्रबंधन में केंद्र सरकार की तरफ से जो सुविधाएं दी जाती रही है, वह धीरे-धीरे घटती जा रही है. तत्कालीन एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय राज्यों जिस सीमा तक वित्तीय स्वायत्ता दी गई थी, या अलग-अलग योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा जो मदद राज्यों को मिलती थी,वह घटती जा रही है.
अपने तर्क को बिहार के वित्त मंत्री ने आकड़ों के जरिए साबित करने का प्रयास किया और कहा कि अटल जी की सरकार में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 75: 25 थी. अब तो यह पैटर्न ऊल्टा हो गया है. कुछ योजनाओं में 25 फीसदी हिस्सेदार केंद्र की होती है और 75 फीसदी हिस्सेदारी राज्यों की. कुछ में 100%राशि राज्यों को ही वहन करना पड़ता है. उन्होंने इसे 90:10 करने का अनुरोध किया. साथ ही बिहार को 20 हजार करोड़ रुपये का पैकेज आगामी केंद्रीय बजट में देने की मांग की.
दरअसल, वित्त मंत्री शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने नई दिल्ली केंद्रीय प्री-बजट में बिहार की मांग और सुझाव रख रहे थे. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री को भी घेरा और कहा कि राज्यों की सुझावों को केंद्रीय बजट में सम्मिलित नहीं किया जाता है.यह एक महज कस्टमरी प्रक्रिया रह गया है.