भाजपा की नफरत व विभाजनकारी राजनीति से मुक्ति पूरे बिहारी समाज की बन चुकी है चाहत

बिहार मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर, बिफोर प्रिंट। बिहार में मचे सियासी घमासान और सत्ता परिवर्तन की सम्भावनाओं पर महागठबंधन के एक घटक दल भाकपा माले ने त्वरित टिप्पणी की है। पार्टी ने इसे भाजपा की नफरत और विभाजनकारी नीति से बिहार और बिहारी समाज की मुक्ति का एक अध्याय बताया है। भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार की तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थिति पर टिप्पणी व्यक्त करते हुए कहा है कि इसका संदेश देशव्यापी है. भाजपा द्वारा संविधान-लोकतंत्र पर लगातार किए जा रहे हमले व देश में तानाशाही थोपने के प्रयासों के खिलाफ जनाधिकारों की रक्षा में बिहार का यह राजनीतिक डेवलपमेंट पूरे देश को एक नई दिशा देगा और नए राजनीतिक ध्रुवीकरण का आधार तैयार करेगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा की चरम किस्म की सत्तालोलुपता, विपक्ष की तमाम पार्टियों को खत्म कर देश में सिंगल पार्टी सिस्टम लागू करने की बेचैनी, अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार किए जा रहे हमले इस कदर बढ़ गए कि उनके घटक दल भी आतंकित हो गए. ऐसी परिस्थिति में जदयू ने देर से ही सही लेकिन भाजपा से अलग होने का जो फैसला किया है, उसका हम स्वागत करते हैं.

उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा की नफरत व विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ सड़कों पर मजबूती से लड़ना होगा. हमें उम्मीद है कि बिहार की वैकल्पिक सरकार जनता के चिरलम्बित सवालों को हल करने के लिए सही कदम उठाएगी और बुलडोजर राज में उठाए गए तमाम कदमों को वापस लेगी. इस वैकल्पिक सरकार को भाकपा-माले सहित महागठबंधन के सभी दलों का समर्थन है.

उन्होंने यह भी कहा है कि भाजपा की पूरी कोशिश बिहार को यूपी बना देने की है. इस दिशा में वह लगातार नीचे तक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का अभियान चलाती रही है. इस नफरत भरे अभियान से मुक्ति की चाहत आज पूरे बिहारी समाज की चाहत बन गई है.