बेगूसराय-खगड़िया निकाय क्षेत्र में हैट्रिक लगेगी या होगा चौंकाने वाला परिणाम

बिहार बेगूसराय

-निकाय क्षेत्र से एमएलसी चुनाव को लेकर कयासों का दौर जारी, गुणा- भाग करने में लगे हैं मतदाता
बेगूसराय/विनोद कर्ण।
बेगूसराय-खगड़िया निकाय क्षेत्र से एमएलसी चुनाव को लेकर कयासों का दौर जारी है। मौसम का तापमान जितना बढ़ रहा है, उससे कहीं अधिक बढ़ा दिखाई देता है राजनीतिक तापमान। यहां मुकाबला सीधा होगा या तिकोना। सीधा होगा तो क्या होगा और तिकोना हुआ तो क्या। विकास को लेकर डबल इंजन की सरकार से संबंध को मजबूत करेंगे या बदलाव को हवा देंगे पंचायत प्रतिनिधि मतदाता। मतदाता ही नहीं राजनीतिक विश्लेषक भी इसको लेकर गुणा-भाग करने में लगे हुए हैं। बीते चुनाव के परिदृश्य की चर्चा हो रही है तो वर्तमान में बदली परिस्थितियों पर भी।

राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी : इस निकाय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 5325 है, जबकि पदेन मतदाता 14 हैं। इस क्षेत्र के अधीन बेगूसराय व खगड़िया जिला आता है। बेगूसराय में कुल मतदाता 3431 तो खगड़िया में 1894 इसी तरह बेगूसराय में पदेन मतदाता 9 तो खगड़िया में 5 हैं। कुल 25 मतदान केंद्रों पर 4 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे, जिसको लेकर बेगूसराय में 18 तो खगड़िया जिला में 7 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्र प्रखंड कार्यालय भवन को बनाया गया है।

एनडीए ने फिर मौका दिया रजनीश को : इस क्षेत्र से 10 प्रत्याशी मैदान में डटे हैं। निवर्तमान एमएलसी सह भाजपा नेता रजनीश कुमार को एनडीए ने पुनः समर्थन देकर मैदान में उतारा है तो राजद नेता मनोहर यादव को वाम मोर्चा का समर्थन हासिल है। वहीं पूर्व मंत्री आरएन सिंह के पुत्र राजीव कुमार को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच होना है। रजनीश कुमार इससे पूर्व लगातार दो बार एमएलसी चुने गए हैं और इस बार हैट्रिक लगाने की दौर में शामिल हैं।

रजनीश राजनीति के माहिर व व्यवहार कुशल मानें जातें हैं। भाजपा कार्यकर्ता नीरज शांडिल्य कहते हैं कि दोनों जिलों के लगभग सभी पंचायतों में रजनीश कुमार के काम के उद्घाटन वाला शिलापट्ट दिखाई देगा है। ऐच्छिक कोष के बंटवारे में सबका ख्याल रखा गया। वार्ड सदस्यों को भी योजना का कार्य कराने में हिस्सेदारी दिलाना में भी रजनीश की बड़ी भूमिका है। बाढ़ की विपदा हो या किसी अन्य तरह का आफद पंचायत प्रतिनिधियों के साथ रजनीश हमेशा खड़े नजर आएं हैं।

वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष राजकिशोर सिंह कहते कि पंचायत प्रतिनिधियों को मान-सम्मान देने के मामले में रजनीश सबसे आगे रहे हैं। हाल में संपन्न पंचायत चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों को सम्मान देने रजनीश सबसे पहले उनके घर पर गए। रजनीश अपनी भूमिका निभाने में अव्वल रहे हैं। चुनाव तो तो पार्टी लड़ती है। एनडीए के घटक दलों के एक-एक कार्यकर्ता सक्रिय हैं। जीत तय है।

राजीव कुमार

जदयू के कार्यकर्ता सिर्फ नीतीश को फौलो करते हैं ; रूदल राय : जदयू के जिला अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी रूदल राय से जब यह पूछा गया कि जदयू विधायक के भाई भी मैदान में उतर गए हैं। इसका असर एनडीए प्रत्याशी पर कितना पड़ेगा। तो उन्होंने कहा कि जदयू के कार्यकर्ता हो या पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि वे सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देखते व सुनते हैं। बेगूसराय-खगड़िया ही नहीं सूबे बिहार में जदयू के मतदाता एनडीए प्रत्याशी के लिए ईमानदारी से वोट करेंगे। बेगूसराय-खगड़िया में भी किसी अन्य की दाल नहीं गलेगी।

कांग्रेस प्रत्याशी राजीव के भाई ने बीते चुनाव में दी थी कड़ी टक्कर : बीते चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजीव कुमार के भाई संजीव कुमार ने जदयू प्रत्याशी के रूप में रजनीश कुमार को कड़ी चुनौती दी थी। वे महज 66 वोट से पिछड़ गए थे। उस समय संजीव कुमार को महागठबंधन का समर्थन हासिल था। बाद में संजीव कुमार जदयू के सिम्बल पर परवत्ता से विधायक चुन लिए गए। इस कारण वे खुद चुनाव नहीं लड़कर अपने सगे भाई को मैदान में उतारा है।

वर्तमान समय में जदयू एनडीए का हिस्सा है और भाजपा के निवर्तमान एमएलसी रजनीश कुमार का टिकट काटना मुश्किल होने के कारण विधायक संजीव कुमार ने अपने भाई के लिए कांग्रेस के समर्थन का जुगाड़ बैठाया। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस के सहारे वे राजद व वामदलों का भी समर्थन हासिल कर लेंगे। लेकिन शुरुआत में ही राजद ने मनोहर यादव को अपना उम्मीदवार घोषित करते हुए वामदलों का भी समर्थन हासिल कर लिया। ऐसे में राजीव कुमार को कांग्रेस के नाव के सहारे ही बेरा पार लगाने की नौबत आ गई है।

हालांकि जदयू विधायक संजीव कुमार अपने पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करते हुए भरसक मदद के प्रयास में जुटे हैं, लेकिन दलीय बाध्यता के कारण खुलेआम समर्थन करने में उन्हें परेशानियां होना स्वाभाविक है। इधर, भाजपा सांगठनिक क्षमता की बात करें तो कांग्रेस की स्थिति दोनों जिलों में किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस के बेगूसराय जिला अध्यक्ष अर्जुन सिंह कहते हैं कि राजीव कुमार की जीत को लेकर पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता हरेक पंचायत में मतदाताओं से संपर्क में हैं और भारी समर्थन मिलने की उम्मीद है। राजीव हमेशा पंचायत प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध रहने वाले हैं, इसलिए वे पंचायत प्रतिनिधियों की पहली पसंद हैं।

मनोहर यादव

वाम समर्थित मनोहर रह चुके हैं नगर परिषद सभापति : वाममोर्चा समर्थित राजद प्रत्याशी मनोहर यादव लगातार दो बार नगर परिषद के सभापति रहे हैं तो वर्तमान में उनकी पत्नी सीता देवी खगड़िया नगर परिषद की सभापति हैं। राजनीति के माहिर खिलाड़ी मनोहर यादव के खिलाफ सभापति रहते कभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया। हाल के दिनों में खगड़िया जिला परिषद अध्यक्ष व कुछ प्रखंडों में प्रमुख को बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। जो इस चुनाव में उन्हें संबल प्रदान कर सकता है।

उनके जीत सुनिश्चित करने को लेकर वाममोर्चा व राजद पूरी ताकत झोंके हुए है। राजद के बेगूसराय जिला अध्यक्ष मोहित यादव कहते हैं कि मनोहर यादव बेगूसराय जिले के लिए भी कोई नया चेहरा नहीं है। यहां से उनका पुराना संबंध रहा है। भाकपा नेत्री उषा सहनी इस क्षेत्र से एमएलसी का चुनाव जीत चुकी है। इस बार वाममोर्चा का सबल समर्थन मनोहर यादव को मिल रहा है। ऐसे में चुनाव परिणाम चौंकाने वाला होगा। समीकरण मनोहर के पक्ष में है।

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