पटना, बीपी डेस्क। पटना के फुलवारी शरीफ में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा होने के बाद पूरे मामले की व्यापक स्तर पर जांच शुरू हो गई है। वहीं इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने बिहार को लेकर बेहद गंभीर अलर्ट जारी किया है जिसके मुताबिक शुक्रवार की नमाज यानी जुमे की नमाज के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश रची गई है। जानकारी के मुतबिक पीएफआई और कुछ अन्य कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठन इस फिराक में हैं कि शुक्रवार को नमाज वाले स्थान पर जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं वहां ऐसी मानसिकता वाले कुछ लोग इस हुजूम में शामिल हो सकते हैं और लोगों को भड़काने के लिए उन्हें कई तरह से उकसा सकते हैं।
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आईबी का यह अलर्ट पूरे बिहार के लिए जारी किया गया है, लेकिन ख़ास कर उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया समेत कुछ अन्य जिलों में खास तौर से हिदायत बरतने को कहा गया है। इस अलर्ट के बाद राज्य की खुफिया एजेंसियों ने भी संबंधित जिलों को अधिक चौकस रहने की हिदायत दी है। साथ ही अन्य सभी जिलों जहां जुमे की नमाज बड़े स्तर पर होती है वहां विशेष रूप से अलर्ट रहने को कहा गया है।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार दंगा भड़काने के लिए नूपुर शर्मा के बयान को भी आधार बनाया जा सकता है। बता दें कि कुछ दिन पहले सीतामढ़ी में ऐसी एक वारदात हो चुकी है, जिसमें एक समुदाय विशेष के लोगों ने अंकित कुमार झा नाम के युवक पर बाजार में चाकुओं से जानलेवा हमला किया था। हालांकि, बाद में इस मामले से जुड़ी कुछ दूसरी बातें भी सामने आई थी।
फुलवारी शरीफ मामले की जांच NIA के हवाले :
केंद्रीय जांच एजेंसी को फुलवारी शरीफ मामले की तफ्तीश सौंप दी गई। गृह मंत्रालय ने इस बाबत नोटिस जारी कर दिया है। अब फुलवारी शरीफ मसले में PFI संस्था द्वारा संदिग्ध गतिविधियों और पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों से जुड़े कनेक्शन के आरोपों की विस्तार से एनआईए तफ्तीश करेगी। जल्द ही एनआईए इस मामले को औपचारिक तौर पर दर्ज करके विस्तार से जांच में जुट जाएगी।
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले की जांच के लिए एनआईए औपचारिक निर्देश भेज दिया गया। इस मामले में पिछले कुछ दिनों पहले अतहर परवेज और जलालुद्दीन नाम के दो आरोपियों को केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी के इनपुट्स के आधार पर फुलवारी शरीफ की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जैसे-जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ने लगा। कई बड़े इनपुट्स सामने आने लगे। तमाम मामलों की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय को जांच का जिम्मा सौंपा गया.