–माता सीता के जनकपुर से विदा होकर अयोध्या जाते पटजिरवा में ही अंतिम पड़ाव की है लोकगाथा
बेतिया/बीपी अवधेश शर्मा। नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया व परिजनों द्वारा पटजिरवा के सिद्धपीठ देवी स्थान पर विशेष पूजा का आयोजन किया गया।
पूजा के बावत गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि आज के दिन यहां की विशेष पूजा चंपारण की पौराणिक लोकआस्था पर आधारित है। लोकधारणा में रची बसी द्वापर काल की कथा है कि अपने विवाह के बाद जनकपुर से विदा होकर अयोध्या जाते समय माता सीता व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की रथयात्रा का अंतिम पड़ाव पटजिरवा में ही हुआ था। इससे जुड़ी लोकगाथा है कि तब पवित्र गंडक में स्नान के बाद माता जानकी ने खुले लट ही पटजिरवा के सिद्धपीठ देवी स्थान पर पूजा अर्चना की थी।
श्रीमती सिकारिया ने बताया कि द्वापर काल की इसी लोकगाथा से बनी बनी परम्परा के तहत आज के दिन सैकड़ों सुहागिन महिलाएं पटजिरवा के सिद्धपीठ पर आज के दिन विशेष पूजा आराधना करतीं आ रहीं हैं। मौके पर सुमन देवी सिकारिया, दारा सिंह, झुन्नू सिंह, प्रदीप, संदीप, मासूम, मनोज कुमार, इंद्रा, अशोक दास, वाजिद इत्यादि का भरपूर सहयोग रहा।
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