मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर। फिल्म लीडर का एक गीत है ‘मुझे दुनिया वालो शराबी न समझो, मै पीता नहींं हूं , पिलाई गई हैः तब यह गीत गांव से शहर तक काफी लोकप्रिय हुआ था। युवा अक्सर इस गीत को गुनगुनाते देखे जाते थे। आज यह पुराना गाना फिर चर्चा में है। इस बार शराब पीए हुए पकडे जाने पर एक मुखिया जी ने पुलिस से गिरगिराते हुए कहते सुने गये। ‘ मैं पीता नहीं हूं ,एक पार्टी मे दोस्तों ने कोल्ड ड्रिंक मे कुछ मिला कर पीला दिया।
पुलिस का दिल मुखिया जी के इस भोलेपन पर नहीं पसीजा। गिरफ्तार हुए ,ब्रेथ एन्लाइजर से जांच मे उनके शराब पीने की पुष्टि हुई और जेल भेज दिए गये। मामला जिले के मोतीपुर प्रखंड का है। बरियारपुर पूर्वी पंचायत के मुखिया कृष्ण कुमार निषाद को शराब पीने के आरोप मे पुलिस ने गिरफ्तार किया हैः यह गिरफ्तारी देर रात उनके माधोपुर स्थित घर से हुई बतायी जाती है। तब मुखिया जी आराम से सोए हुए थे।
किसी ने पुलिस को सूचित कर दिया था कि मुखिया जी ने शराब पी है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर सरकार सख्त है और उत्पाद एवं पुलिस विभाग पूरीतरह चौकस। आखिर क्यों न हो , बदनामी तो उसकी भी हो रही है। वैसे पुलिस की चौकसी के कारण शराब का खेप तो पकडाता है मगर कारोबारी अक्सर फरार हो जाते हैं। यह शोध का विषय हो सकता है। खैर। मुखिया जी मामले में पुलिस चौकन्नी हुई।
तुरत उनके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। कहते हैं कि यह गिरफ्तारी राज्य मुख्यालय के निर्देश पर की गई। ब्रेथ एन्लाइजर से जांच हुई और उनको थाने ले आया गया। समर्थकों की भीड जमा हो गई। मुखिया को छोडने की मांग की जाने लगी। पुलिस जब किसी की सुनने को तैयार नहीं हुई तो समर्थक उग्र हो गये। फिर अगल-बगल के 6 थानो की पुलिस बुलानी पडी।
मामले को बिगडता देख प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया। मुखिया जी की पत्नी बेबी निशा भी अपने पति को छुडाने थाने पर पहुंची। उसने अपने पति की गिरफ्तारी को विरोधियों की साजिश बताते हुए कहा कि पिछले हप्ते उसके गांव के बिजली सहनी की हत्या कर लाश को खम्भे से लटका दिया गया था।
तब उसके पति ने पीडित परिवार वालों की काफी मदद की थी। उसी के बदले में उसके पति को फंसाया गया है। उसने इतना जरूर कहा बताते हैं कि उसके पति को राजनीतिक विद्वेष के कारण कुछ लोगों ने शराब पीला दिया और बाद में फंसा दिया। मुखिया कृष्ण कुमार निषाद के विरुद्ध उत्पाद अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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