पूर्णिया/राजेश कुमार झा। पॉलीथिन बैग मामले में नगर निगम के डंडे का असर अब दुकानदारों पर बेअसर हो गया है.दो-चार दिन नगर निगम की धड़-पकड़ के बाद फिर से पॉलीथिन बैग दुकानदारों के पास मिलने शुरू हो गए है। कुल मिलाकर ये कह सकते है कि नगर निगम का डंडा बेअसर.बताते चलें कि पॉलीथिन बैग के बन्द होने के मामले में नगर निगम की कारवाई का असर अब बेअसर साबित हो रहा है।
आज भी तकरीबन सभी छोटे-बड़े दुकानदारों के पास पॉलीथिन बैग मिल ही जाएगी. इस मामले को लेकर दुकानदार बताते है की पॉलीथिन बैग का पूरी तरह बंद होना बहुत जरूरी है.ये तभी सम्भव है,जब इसका विकल्प और उपलब्धता मिल जाय दुकानदार कहते है कि इस पॉलीथिन का विकल्प तो मिल गया है,लेकिन पॉलीथिन बैग से बहुत महंगा होने की वजह से कोई भी ग्राहक इसके दाम नहीं दे पाते है।
जिस वजह से हमलोग पॉलीथिन के इस महंगे विकल्प को रखने में सक्षम नहीं हो पा रहे है.बताते चलें कि जिले में हर दिन तकरीबन 400 किलो पॉलीथिन बैग की खपत है.कुछ दुकानदारों ने कहा कि पॉलीथिन बैग सिर्फ सरकार के कहने से बन्द नहीं हो सकता है.जब तक कि इस पॉलीथिन बैग के दुष्प्रभावों से हम सभी लोग पूरी तरह जागरूक नहीं हो जाते.जिस दिन इसके दुष्प्रभावों एवं इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक हो गए,समझो उसी दिन ये पॉलीथिन बैग बन्द हो जाएगा.दुकानदारों ने कहा कि आज से 15-20 साल पहले तो कोई पॉलीथिन बैग नहीं था.फिर भी काम चल रहा है.ये आज भी ऐसा हो सकता है।
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