आपदा प्रबंधन की बैठक में दी गई तकनीकी पहलुओं की जानकारी, आपदा सहायक विभागों के अधिकारी रहे उपस्थित

बिहार मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर, बिफोरप्रिंट। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में आज समाहरणालय सभागार में जिला आपदा प्रबंधन योजना के निर्माण एवं विकास संबंधी कार्यों की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन प्रणव कुमार जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर की अध्यक्षता किया गया। बैठक में आपदा सहाय्य विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ के रुप मे दिलीप कुमार, वरीय सलाहकार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर उपस्थित रहे।

डॉ अजय कुमार, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, मुजफ्फरपुर द्वारा सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं तकनीकी अभियंताओं को जिला स्तर पर बनने वाली आपदा प्रबंधन योजना के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया तथा आपदाओं के नियंत्रण, रोकथाम व न्यूनीकरण में इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

इसके पश्चात, मो० साकिब खान, कंसल्टेंट/डी०एम० प्रोफेशनल, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर ने एआइडीएमआइ, अहमदाबाद द्वारा विकसित की गई जिला आपदा प्रबंधन योजना, मुजफ्फरपुर का प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने योजना के तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी दी।

आशुतोष द्विवेदी उप विकास आयुक्त मुजफ्फरपुर द्वारा विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यों एवं दायित्व के साथ-साथ वर्तमान में संचालित की जा रही योजनाओं का समावेश जिला आपदा प्रबंधन योजना में किए जाने पर का सुझाव दिया। उन्होंने संचालित की जा रही योजनाओं में आपदारोधी पहलुओं के समावेश करने पर भी बल दिया।

दिलीप कुमार, वरीय सलाहकार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर ने कहा कि उक्त योजना मे जिला मे घटित होने वाली सभी आपदाओं, उनके प्रभावों, उनसे निपटने वाले रणनीतियों, विभागों के कार्य एवं दायित्वों, सुरक्षित स्थलों एवं संभावित जोखिमों का विवरण सम्मिलित करना अति आवश्यक है।

विकास कुमार, वरीय उप समाहर्ता, जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया कि हाल के वर्षों में कुछ अन्य आपदाओं जैसे कोविड-19, संक्रमण, सर्पदंश, जलवायु परिवर्तन तथा औद्योगिक दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। इन आपदाओं का समावेश जिला आपदा प्रबंधन योजना में नहीं है जिससे बचाव, इसके समुचित प्रबंधन एवं न्यूनीकरण के पहलुओं का समावेश किया जाना आवश्यक है।

कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण प्रमंडल-2 द्वारा सुझाव दिया गया कि आपदाओं से निपटने के लिए नवाचार एवं नई तकनीकों का समावेश योजना में किया जाना अधिक हितकारी होगा। उन्होंने विभिन्न आवासीय योजनाओं में भूकंप रोधी तकनीकी एवं अग्नि सुरक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

प्रणव कुमार, जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि विभिन्न आपदाओं के दौरान विभागवार किए जाने वाले कार्यों का विवरण जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, मुजफ्फरपुर को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि आपदा संबंधी कार्यों का संपादन अंतर विभागीय समन्वय से किया जाता है जिस हेतु जिला आपदा प्रबंधन योजना एक समेकित एवं समावेशी दस्तावेज है, इसका सदुपयोग आपदाओं से निपटने में किया जाना है।

उन्होंने कहा कि आपदाओं के प्रभावों के न्यूनीकरण के पहलूओं के साथ साथ विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है जिसका अनुपालन सभी विभाग गंभीरता से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि मुजफ्फरपुर को रेजिलिएंट और सुरक्षित बनाया जा सके। उनके द्वारा विभागों को तकनीकी सहयोग प्रदान करने एवं नवीन जिला आपदा प्रबंधन योजना के निर्माण को 1 माह में पूर्ण करने के लिए आपदा विभाग के कंसलटेंट को निर्देशित किया गया।