बिहार में कॉमन सिविल कोड की भाजपा की मांग पर जेडीयू के रुख से पार्टी को लगा धक्का, जानिए क्या है जेडीयू के मन में

News Politics बिहार

पटना, स्टेट डेस्‍क। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के बाद अब उत्‍तर प्रदेश में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी कर रही है। बिहार सहित बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी बीजेपी की तरफ से इसके लिए मांग तेज हो रही है। इस बीच राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बीजेपी के साथ शामिल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने दो-टूक कहा है कि बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार है और उनके मुख्‍यमंत्री रहते किसी भी कीमत पर समान नागरिक संहिता को लागू करने का सवाल ही नहीं है।

यह बड़ा बयान जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने दिया है। कुशवाहा ने बिहार में समान नागरिक संहिता की जरूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश संविधान से चल रहा है और आगे भी उसी से चलेगा। जब बिहार में समान नागरिक संहिता की जरूरत ही नहीं है, तो इसका सवाल कहां से उठता है?

उन्होंने साफ किया कि, बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के रहते यह लागू नहीं होगा। एनडीए की सरकार में इस बड़े मुद्दे पर जेडीयू अकेले कैसे फैसला कर सकता है, इस सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने दो-टूक कहा कि उनकी पार्टी अपनी नीतियों से समझौता नहीं कर सकती। चाहे जो भी हो, समान नागरिक संहिता का सवाल ही नहीं उठता है।

बिहार में बीजेपी व जेडीयू कई मामलों में एक-दूसरे के आमने-सामने आते रहे हैं। बीजेपी बिहार में कानून-व्‍यवस्‍था के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरती रही है। अब मामला समान नागरिक संहिता का है। बीजेपी नेता और मंत्री जनक राम पूरे बिहार सहित देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में हैं। इस मुद्दे पर जेडीयू के विरोध पर वे कहते हैं कि उन्‍हें उम्मीद है कि सहयोगी भी इसके लिए मान जाएंगे।

यह भी पढ़ें…