न्याय : चरस तस्कर को दस वर्षों का सश्रम कारावास

बिहार मोतिहारी

मोतिहारी/दिनेश कुमार। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजमोहन सिंह ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को दस वर्षों का सश्रम कारावास व एक लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा रक्सौल थाना के बारा परेवा निवासी फजल मियां के पुत्र अब्दुल सलाम को हुई।

मामले में पलानवा (भेलाही ओ पी) के हेड कॉन्स्टेबल विप्लव शिल शर्मा ने पलनावा (भेलाही ओपी ) थाना कांड संख्या-53/2015 दर्ज कराते हुए कहा था कि 6 मई 2015 को गुप्त सूचना मिली कि एक व्यक्ति मादक पदार्थ लेकर नेपाल से आने वाला है। वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार कॉन्स्टेबल के साथ नहर चौक भेलाहि पर नाका लगाया।

रात्रि करीब 1:30 बजे गुप्तचर द्वारा बताए हुलिया के अनुसार भेलाही बाजार की ओर से एक व्यक्ति आता दिखाई दिया। नाका के पास उक्त व्यक्ति को पकड़ा गया तथा जांच के दौरान उसके पास से एक प्लास्टिक के थैले में रखाव प्लास्टिक में लपेटा चार स्लैब में दो किलो चरस बरामद किया गया।

एन डी पी एस 25/2015 विचारण के दौरान  विशेष लोक अभियोजक डा. शंभूशरण सिंह ने छह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने विचारण के बाद धारा 20(b)(c) एन डी पी एस एक्ट में दोषी पाते हुए एक मात्र अभियुक्त को उक्त सजा सुनाए। 

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