शिवहर/रविशंकर सिंह। जिले में अबतक ब्लड बैंक की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है। जिला का दर्जा मिलने के 28 वर्षो से अधिक बीत जाने के बाद भी आज तक सरकारी अथवा निजी स्तर पर एक भी ब्लड बैंक उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दुर्घटनाग्रस्त अथवा गम्भीर मरीजों को ब्लड की वश्यकता पड़ने पर उन्हें सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार कर आनन-फानन में रेफर कर दिया जाता है। सरकार जहां चिकित्सा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
वहीं दूसरी ओर शिवहर अभी भी कई तरह की सुविधाओं से वंचित है। नए भवन में सदर अस्पताल चालू होने के बाद लोगों में उम्मीदें जगी थी कि जिले को अब अपना ब्लड बैंक हो जाएगा। लेकिन ऐसा आज तक नहीं हो सका है। वैसे संतोष की बात यह है कि सदर अस्पताल में ब्लड बैंक बनकर तैयार है लेकिन लाइसेंस अभी तक नहीं मिलने के कारण यह शुरू नहीं हो रहा है। लाइसेंस के लिए कई माह पूर्व ही प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन अभी तक विभागीय टीम जांच के लिए नहीं पहुंची है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय औषधी नियंत्रण मंत्रालय की टीम आकर ब्लड बैंक का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लेगी। इसके बाद ही लाइसेस मिलेगा। सरोजा सीताराम सदर अस्पताल के सबसे निचले तल पर अधीक्षक कार्यालय के बगल में ब्लड बैंक स्थापना लिए कमरा उपलब्ध कराया गया। निर्माण एजेंसी द्वारा करीब चार माह पूर्व ही निर्माण कार्य पूरा कर उपकरणों से सुसज्जित कर दिए गए। इसके लिए विभाग द्वारा कर्मियों की भी व्यवस्था कर ली गई है।
आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध है। अब केवल लाइसेंस का इंतजार है। लाइसेंस निर्गत होते ही शुरू हो जाएगा। ब्लड बैंक नहीं रहने से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी इलाज के दौरान ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके अलावा प्रसव के दौरान महिलाओं को ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। वैसे विभाग द्वारा तत्काल ब्लड स्टोरेज सेन्टर की व्यवस्था की गई है। लेकिन ब्लड स्टोरेज सेन्टर में मरीजों के परिजनों को अपना ब्लड डोनेट करने बदले में उतना ही ब्लड मरीजों को मिलता हैं।
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