पटना,बीपी डेस्क। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करने पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा की जब तेजस्वी को अपनी राजनीति आगे बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है तो समझ लेना चाहिए कि परिवार की दुकान बंद होने वाली है। नित्यानंद राय राजनीति में बढ़ते कद को देखकर तेजस्वी यादव को घबराहट हो रही है। लालू परिवार कभी भी नहीं चाहता कि यादव समाज का कोई व्यक्ति उनके परिवार से बाहर केंद्र या राज्य में मंत्री बने, किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बने या फिर नित्यानंद जी की तरह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बने।
निखिल आनंद ने कहा कि जब नित्यानंद राय जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी तब तेजस्वी यादव बहुत छोटे होंगे और वे नंगे या फिर नैपी- पैड पहनकर घूमते होंगे। तेजस्वी को अपने उम्र, अनुभव, हैसियत का अंदाजा नहीं है और इसीलिए वे कभी द्रौपदी मुर्मू तो कभी नित्यानंद राय के खिलाफ हल्की बातें बोल रहे हैं।
नित्यानंद राय जी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में की और प्रारंभिक स्तर पर संघ की शाखा का संचालन भी करते रहे है। भाजपा की राष्ट्रवादी को विचारधारा और धर्म, संस्कृति, गाय और गीता की रक्षा का जो व्यक्ति संकल्प ले चुका है वो अपनी जान दे सकता है लेकिन कभी भी राजद जैसी धार्मिक तुष्टिकरण करने वाली परिवारवादी पार्टी में शामिल नहीं हो सकता है।
निखिल आनंद ने खुलासा करते हुए कहा कि तेजस्वी को अपने पापा से पूछना चाहिए कि किस तरह लालू जी बार- बार लोगों को भेजकर नित्यानंद राय जी से गिरगिराने वाले संदेश पहुंचाते थे कि देखिएगा कहीं तेजस्वी हार मत जाए, नहीं तो हम बर्बाद हो जायेंगे।
निखिल के आगे कहा कि राष्ट्रीय जनता दल को जब केंद्र में मंत्री बनाने का मौका लगा तो लालू जी ने एक स्मगलर, गुंडे, माफिया व्यक्ति तस्लीमुद्दीन को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने यादव समाज के बेटे नित्यानंद राय को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाकर यादव समाज को गौरवान्वित किया है। तेजस्वी अनर्गल प्रलाप करके सुर्खियां बटोरना चाहते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
पहले उन्होंने द्रौपदी मुर्मू जी का अपमान किया अब नित्यानंद राय जी को झूठ बोलकर चरित्र हनन कर रहे हैं। दिलचस्प है कि बड़बोले तेजस्वी को प्रधानमंत्री के सामने बोलने पर घिग्गी बंध जाती है, पसीना छूटने लगता है और वे हकलाने लगते हैं।