मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का नाम लेने या श्रवण मात्र से जीवन हो जाता है सार्थक : डॉ अतुल

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मोतिहारी/राजन द्विवेदी। रामगढ़वा अंचल के मुशहरी गांव में नौ दिवसीय श्रीविष्णु महायज्ञ सह श्री रामकथा के सातवें दिन का शुभारंभ जिले के नामचीन चिकित्सक डॉ अतुल कुमार, वरीय संस्कृतिकर्मी अभय अनन्त एवं रवीश कुमार मिश्रा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ अधिकारी सह वरीय संस्कृतिकर्मी अनिल कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने उद्घाटन संबोधन में डॉ अतुल कुमार ने कहा सतयुग में तप से, त्रेता में यज्ञ से, द्वापर में दान से जो फल मिलता है, कलियुग में केवल ‘राम’ नाम स्मरण से ही उस फल की सहज प्राप्ति हो जाती है। ‘राम’ नाम के जप से ही जीव की जन्म जन्मांतर की समस्त आधि-व्याधि दूर हो जाती है और प्रभु शरण गति की प्राप्ति हो जाती है।

मुख्य अतिथि अभय अनन्त ने कहा कि भगवान राम विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहे। उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की। स्वयं की भावना व सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। फिर चाहे राज्य त्यागने, बाली का वध करने, रावण का संहार करने या सीता को वन भेजने की बात ही क्यों न हो।

साथ ही रवीश मिश्रा ने कहा कि सहनशीलता व धैर्य भगवान राम का विशेष गुण है। कैकेयी की आज्ञा से वन में 14 वर्ष बिताना, समुद्र पर सेतु बनाने के लिए तपस्या करना, सीता को त्यागने के बाद राजा होते हुए भी संन्यासी की भांति जीवन बिताना उनकी सहनशीलता की पराकाष्ठा है।

वहीं, एलआईसी अधिकारी सह वरीय संस्कृतिकर्मी अनिल वर्मा ने कहा कि भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन कठिन संघर्षो के बावजूद उच्च नैतिक मूल्य व आदर्शो की बुनियाद पर टिका था। वर्मा ने कहा कि श्रीराम का जीवन दर्शन, उनका विराट व्यक्तित्व अद्भुत है। राजधर्म, त्याग उनके कण-कण में बसा था, इसलिए श्रीराम सिर्फ भारत के बहुसंख्यक वर्ग के इष्ट और अराध्य नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति के शिखर पुरुष हैं।

महायज्ञ में कटिहार से आए देश के प्रख्यात श्रीराम कथावाचक आचार्य पंडित गिरीशानंदजी महाराज ने अपने ओजपूर्ण वाणी से रामकथा के प्रसंगों की सुंदर व्याख्या से वातावरण को भक्तिमय बना रहे हैं। अनिल वर्मा  ने बताया कि महायज्ञ के शुभारंभ से एक दिन पूर्व भव्य मंदिर निर्माण व श्रीहनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा की गई। उन्होंने कहा कि महायज्ञ में श्रीराम कथा का रसास्वादन करने सुदूर ग्रामीण इलाके से बड़ी संख्या में महिला- पुरुष भक्तजन आ रहे हैं।

मौके पर मदर्स एडवाइस एकेडमी के निदेशक राजन श्रीवास्तव ,  आयोजन समिति के अध्यक्ष डाॅ. प्रभाष प्रसाद वर्मा, सचिव श्यामदेव पाण्डेय, कोषाध्यक्ष मिथिलेश कुमार वर्मा, मोती लाल,पवन कुमार, विक्रमा सिंह, संजय कुमार आदि मौजूद थे। यह जानकारी समाजसेवी अनिल वर्मा ने दी।