माले ने बेनीबाद में निकाला आजादी मार्च

बिहार मुजफ्फरपुर

लोकतंत्र, संविधान व आजादी की रक्षा तथा शहीदों के सपनों का देश बनाने का लिया संकल्प.

मुजफ्फरपुर, बिफोरप्रिंट। आजादी की 75वीं तथा अंग्रेजों भारत छोड़ो क्रांति की 80वीं वर्षगांठ पर भाकपा-माले और इंकलाबी नौजवान सभा ने गायघाट के बेनीबाद में तिरंगा झंडे के साथ आजादी मार्च निकाला। अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आज ही के दिन 11अगस्त 1942 को पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराने के दौरान 7 नौजवानों ने शहादत दी थी और 11अगस्त 1908 को मुजफ्फरपुर में शहीद खुदीराम बोस को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। इस दौरान माले और इंकलाबी नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र, संविधान व आजादी की रक्षा तथा शहीदों के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया। आजादी मार्च खादी भंडार परिसर से निकल कर बेनीबाद चौक व मार्केट से गुजरा जिसमें माले नेता जितेंद्र यादव, इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, जिला अध्यक्ष विवेक कुमार, किसान नेता रविन्द्र किशोर सिंह, मृत्युंजय सिंह, लक्ष्मी सहनी, सुरेश राम, नौजवान विकास कुमार, अखिलेश कुमार, अशोक कुमार, आनंद मोहन कुमार, गुड्डू कुमार, राजा हुसैन, अमित राय, पंकज कुमार सहित बड़ी संख्या में किसान व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि जब हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है देश की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार ने आजादी से हासिल लोकतंत्र, संविधान और जीने के अधिकारों पर चौतरफा हमला बोल दिया है। बेतहाशा महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से लोग परेशान हैं। पिछले तीन-चार वर्षों में पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस सहित भोजन सामग्री और यहां तक कि दवाओं का दाम भी दोगुना-तिगुना बढ़ा दिया गया है। कोरोना महामारी से त्रस्त आमलोगों के लिए सस्ते दर पर सामान, रोजगार की गारंटी तथा कल्याणकारी योजनाओं का दायरा बढ़ाने के बदले आंटा-चावल, दूध-दही और बच्चों की पढ़ाई के लिए जरूरी कॉपी-किताब पर भी जीएसटी टैक्स लाद दिया है।

आगे उन्होंने कहा कि मुस्लिम विरोधी नफरत व उन्माद को चौतरफा बढ़ा कर सामाजिक ताने-बाने में सांप्रदायिक जहर घोला जा रहा है। इसके साथ ही देश की बुनियाद संपदा रेल, बैंक, कल-करखाने, जल-जंगल- जमीन यानी सबकुछ कॉरपोरेट कंपनियों खासकर अंबानी-अडाणी के हाथों बेचा जा रहा है। मोदी सरकार अंग्रेज़ों के राज की तरह देश पर फिर से कंपनी राज थोपने में जुटी हुई है। उसका मिशन देश में लोकतांत्रिक-संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर एक सांप्रदायिक फासीवादी कॉरपोरेट राज कायम करना है। और इसी लिए जनता के हर एक आंदोलन को कुचलने के लिए बुलडोजर राज और तानाशाही जारी है।

उन्होंने कहा कि आजादी और स्वतंत्रता आंदोलन के महान शहीदों के सपनों का देश तथा भाईचारा और समानता पर आधारित एक खुशहाल समाज बनाने के लिए आज किसी भी दौर से ज्यादा जरूरी है कि लोकतंत्र, संविधान, आजादी व जीने के बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए गांव से शहर तक बड़े और संगठित जनआंदोलन की तैयारी में जुटा जाए।