बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा: पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया एवं अन्य क्षेत्र में बिना निबंधन व बिना लाइसेंस के अवैध दवा की दुकान संचालित हैं। हमारे सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत औषधि विभाग दुकान संचालन करने के लिए बनाए नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए, दवा दुकानदार खुलेआम दवा बेंच रहे हैं।
किसी ग्राहक ने दवा दुकानदार से दवा की खरीद की पक्की बिल मांगी जाती है, तो उस दवा दुकानदार से नोक झोंक के अतिरिक्त हाथा पाई की नौबत आ जाती है, अलबत्ता पक्का बिल नहीं मिल पाता है। यह स्थिति कम वो बेस जिला के सभी क्षेत्र की है। इसका मुख्य कारण बताया गया है कि शहर में पदस्थापित औषधि निरीक्षक सभी दवा दुकानों से अवैध रूप से कमाई कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग को कथित मासिक नजराना औषधि निरीक्षकों का (कमीशन) निर्धारित है। इसी वजह कर शहर के सभी दवा दुकानदार निर्भीक होकर गलत व अनिबंधित कंपनियों के दवाइयां ग्राहक को दे रहे हैं। अधिक से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। इसी अवैध ढंग की कमाई करके औषधि निरीक्षक को प्रतिमाह उनका निर्धारित शुल्क दे रहे हैं। सिविल सर्जन बेतिया डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी मूकदर्शक बने हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि औषधि निरीक्षकों पर सिविल सर्जन बेतिया का कोई लगाम नहीं है। प्रबुद्धजनो का कहना है कि औषधि निरीक्षक उपर तक हिस्सेदारी बांटते हैं।