कीर्तिशेष किशोरी लाल ‘अंशुमाली’ के स्मृति दिवस कवि सम्मेलन संपन्न

बिहार बेतिया

ननकी दियरिया के मनवा में चोर बा, नीचे अन्हरिया उपरे अंजोर बा : सुरेश गुप्त

बेतिया, अवधेश कुमार शर्मा। साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘अनुराग’ द्वारा जिले के लोकप्रिय कवि कीर्तिशेष किशोरी लाल ‘अंशुमाली’ के स्मृति दिवस पर महाराजा पुस्तकालय में कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान अध्यक्ष पं. व्रतराज दूबे विकल की कविता झहर-झहर झहरावत आवे, झनर-झनर झनकावत आवे…. बरखा बहुरिया। अबुल खैर नश्तर की रचना काम कुछ कीजे खबर में रहिए, हस्रे हाजिर की नजर में रहिए। डाॅ. गोरख प्रसाद मस्ताना की कविता ‘हो गुलाब तो कांटे वाली गज़लें लगे सुनाने क्यों, बादल बनकर आए हो तो आग लगे बरसाने क्यों’? डाॅ. जफर इमाम की प्रस्तुति चाहे जिस हाल में हो दीप जलाया जाए, कोशिशें होती रहे जुल्म मिटाया जाए।

अरुण गोपाल की कविता वो दुश्मन से मिलकर गले, जा रहे हैं, कलेजे पे मूंगे दलें जा रहे हैं। प्रो. कमरुज्जमा कमर की नज़्म मौत पर हक है इसको आना है, कब चली आए क्या ठिकाना है? सुरेश गुप्त ने काव्य पाठ किया कि पढ़ा कि ननकी दियरिया के मनवा में चोर बा, नीचे अन्हरिया बा उपरे अंजोर बा समेत सभी कवियों की रचना सराही गई। काव्य सम्मेलन का संचालन अनुराग के प्रवक्ता डाॅ. जगमोहन कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन स्मृतिशेष किशोरी के सुपुत्र अजय अंशुमाली ने किया।

डाॅ. नसीम अहमद नसीम, मोहन मधुर, अनिल अनल, अखिलेश्वर मिश्र, दीनानाथ द्विवेदी दीन, जगतभूषण राज, अख्तर हुसैन, साजिद शम्स, अवधेश कुमार वर्मा, ललन पाण्डेय लहरी, ज्ञानेश्वर गुंजन, डाॅ. दिवाकर राय, भूपेन्द्र शेष, जयकिशोर जय, श्याम कुमार, चन्द्रिका राम, नवल प्रसाद, अतुल आजाद, प्रशांत सौरभ, पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा, अभिषेक वाजपेयी, विभांक धर मिश्र, शमी बरनवाल ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को ऊॅंचाई प्रदान की। इस संपूर्ण आयोजन में प्रतिनियोजित पुस्तकालयाध्यक्ष ज्योति प्रकाश, इमरान कुरैशी, देवेन्द्र कुमार व पुस्तकालय टीम का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।

काव्यपाठ के पूर्व साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘अनुराग’ ने जिला के लोकप्रिय कवि कीर्तिशेष किशोरी लाल ‘अंशुमाली’ के स्मृति दिवस के अवसर पर उनकी दूसरी पुस्तक ‘अपेक्षा’ (काव्य-संग्रह) का विमोचन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता पं. व्रतराज दूबे विकल, मुख्य अतिथि डाॅ. परमेश्वर भक्त, विशिष्ट अतिथि अबुल खैर नश्तर, अंजनी कुमार सिन्हा, डाॅ. गोरख प्रसाद ने ‘अपेक्षा’ का विमोचन किया।

अपेक्षा पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि एमजेके काॅलेज के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ. परमेश्वर भक्त, डाॅ. एसकेएस महिला काॅलेज मोतिहारी की हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ. रौशनी कुमारी विश्वकर्मा ने काव्य-संग्रह ‘अपेक्षा’ में छपी रचनाओं की प्रशंसा की एवं इसके सुंदर छपाई व प्रकाशन कराने के लिए अंशुमाली परिवार के सफल प्रयास की प्रशंसा की। अंशुमाली के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए पं. चतुर्भुज मिश्र, डाॅ. गोरख प्रसाद ‘मस्ताना’, सुरेश गुप्त व गुंजा कुमारी ने उन्हें कर्तव्यनिष्ठ बैंक कर्मी, कर्मचारी यूनियन के सक्रिय सिपाही, विनम्र, सरल व सहज स्वभाव के धनी, सहयोगी प्रवृति से युक्त और रचनाओं से लोगों के दिल पर राज करने वाला व्यक्ति बताया।