बीपी डेस्क। बिहार में मंकीपॉक्स लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर है। मरीजों की पहचान के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। अब इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि अगर किसी को मंकिपॉक्स हो गया है तो दूसरों तक संक्रमण न फैले। पटना के आईजीआईएमएस में मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। अगर मंकीपॉक्स का एक भी मरीज मिलता है तो उसे महामारी का प्रसार माना जाएगा। दूसरे लोगों तक संक्रमण न फैले इसलिए मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाएगा।
आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग की एसओपी के तहत हॉस्पिटल में अहम बैठक की गई। इसमें यह फैसला लिया गया कि अगर मंकीपॉक्स का एक मरीज मिला तो इसे महामारी समझकर निपटने की कोशिश की जाएगी। मरीज को आइसोलेशन में रखा जाएगा। साथ ही किसी दूसरे मरीज या स्वास्थ्यकर्मी में संक्रमण न फैले इस बात की भी तैयारी की जा रही है। सैंपल लेने के लिए भी अलग टीम रहेगी।
पटना के बाद नालंदा के राजगीर में भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिला था। खबर फैलते ही राज्यभर में हड़कंप मच गया। चिंता की बात इसलिए भी है क्यूंकि बिहार में फिलहाल इसके जांच की कोई सुविधा नहीं है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने उनका सैंपल लेकर पुणे भेज दिया है, जहां उसकी जांच की जाएगी। आपको बता दें, बिहार में मंकीपॉक्स का खतरा अब बढ़ने लगा है।
आपको बता दें, पटना में मंकीपॉक्स की एक संदिग्ध महिला मरीज़ पाई गई है, जो खाजेकलां थाना इलाके के गुरहट्टा खत्री गली की रहने वाली है। दरअसल, पहले महिला को बुखार आया और बाद में उसके हाथ में जुलपती जैसा हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर और पीएमसीएच के विशेषज्ञों ने उसके सैंपल ले लिए। स्वास्थ विभाग के अधिकारीयों की मानें तो ये मंकिपॉक्स का मामला नहीं है।
वहीं, नालंदा जिले के राजगीर में एक युवक को भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध पाया गया है। उसका भी सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा जा रहा है। रिपोर्ट 4-5 दिन में आएगी। राज्य में मंकीपॉक्स के बढ़ते दहशत को देखते हुए अब अलर्ट जारी कर दिया गया है।