चंपारण में भक्ति-भाव संग हुई मां शारदे की पूजा

बिहार मोतिहारी

मोतिहारी/राजन दत्त द्विवेदी। विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा शनिवार को भक्ति-भाव संग की गई। इस अवसर पर पर शहर के विभिन्न मुहल्लों यथा बलुआ चौक, गोपालपुर, भवानीपुर जिरात, छतौनी, मठिया, धर्म समाज, बलुआ चौक, मिस्कौट ठाकुरबाड़ी, बरियारपुर, बनियापट्टी, चांदमारी एम एस कालेज सहित कई जगहों पर आकर्षक पंडाल का निर्माण कर उसमें मां शारदे की प्रतिमा स्थापित की गई। पंडालों को रंग-बिरंगे झालर और रंगीन बल्बों सजाया गया।

google.com, pub-3161711413977012, DIRECT, f08c47fec0942fa0

इस दौरान बलुआ चौक गोपालपुर के नवयुवक पूजा समिति की मूर्ति और पंडाल आकर्षण का केंद्र रहा। जहां नवयुवक पूजा समिति अध्यक्ष केतन कुमार, गोलू कुमार, युवराज, रमेश कुमार, रविरंजन कुमार, नवीन, जितेंद्र कुमार, मंटू, मनीष कुमार, अंकित कुमार, राजकुमार, अभय कुमार आदि कोर कमेटी सदस्यों ने पूजा को कोविड 19 प्रोटोकॉल के बीच संपन्न कराने में जुटे दिखे। हालांकि कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देश और मौसम की बेरुखी के चलते इस बार का पूजनोत्सव फीका रहा।

इस बार बहुत कम जगहों पर पूजा का आयोजन किया गया है। बता दें कि प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी को मां सरस्वती के पूजनोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में श्रद्धालु छात्र- छात्राओं ने विभिन्न नैवेद्यों और ऋतुफल यथा गाजर केशउर, बेर, मूंग और मिठाई मां सरस्वती को अर्पित किया। वहीं विभिन्न पूजन सामग्रियों द्वारा माता की आराधना की गई और उनसे विद्या देने का आशीर्वाद मांगा गया।

मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद शुक्रवार को पूजन सामग्री की दुकानों में श्रद्धालुओं की भीड़ खरीदारी में जुटी रही। कई पूजा पंडालों में भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया। मौके पर पंडितपुर जीवधारा के आचार्य पंडित पारसनाथ पांडेय ने बताया कि मां सरस्वती विद्या और कला की देवी हैं। मनोयोग से उनकी पूजा करने से साधक को अभिष्ट की प्राप्ति होती है। इस दिन कलाकारों द्वारा अपने वाद्य यंत्रों की पूजा भी की जाती है ऋतुराज वसंत का धरा पर आगमन भी इसी दिन होता है।

यह भी पढ़ें…