मुजफ्फरनगर/बीपी प्रतिनिधि। शहर सीट से विधायक बने कपिल देव अग्रवाल को योगी सरकार के नए मंत्रीमंडल में दोबारा जगह उनके आलराउंड प्रदर्शन की बदलौत मिली है। विधायक से दूसरी बार मंत्री बने कपिल देव अग्रवाल जहां संघ के करीबी माने जाते हैं, वहीं संगठन में उनकी पकड़ कमजोर नहीं है। कांटे की टक्कर में सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी को हराकर कपिल देव अग्रवाल लगातार तीसरी बार विधानसभा में पहुंचे हैं। पूर्व राज्यमंत्री स्व. चितरंजन स्वरूप तीन बार सदर सीट से विधायक रहे।
उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में कपिल देव अग्रवाल ने बतौर भाजपा प्रत्याशी पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बड़े बेटे गौरव स्वरूप को हराकर पहली बार विधानसभा की डगर पकड़ी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बेटे गौरव स्वरूप से कपिल देव अग्रवाल का मुकाबला हुआ। इसमें करीब साढ़े दस हजार मतों से जीत हासिल कर कपिल देव अग्रवाल विधानसभा पहुंचे। इस बार सपा रालोद गठबंधन ने गौरव स्वरूप का टिकट काटकर उनके भाई सौरभ स्वरूप को प्रत्याशी बनाया।
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सौरभ स्वरूप से कांटे की टक्कर के बीच कपिल देव अग्रवाल ने करीब 18 हजार मतों से जीत हासिल की। पिछली योगी सरकार में कपिल देव अग्रवाल कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने थे। कपिल देव अग्रवाल को व्यवहारिकता और क्षेत्र में उपलब्धता के साथ-साथ संघ और संगठन की नजदीकी ने एक बार फिर मंत्री पद पर बैठा दिया है।
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