मुजफ्फरपुर : एईएस, चमकी बुखार से बचाव व रोकथाम को लेकर चलाया गया जागरूकता अभियान

बिहार मुजफ्फरपुर हेल्थ

मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर। यह व्यापक जनजागरुकता अभियान का ही परिणाम है कि बच्चों की गर्मी के मोसम मे होने वाली  जानलेवा बीमारी एइएस, चमकी बुखार का प्रकोप इस बार नियंत्रण में है। जनवरी 2022 से लेकर अभी तक  इस बीमारी के कुल 35 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 23 मरीज मुजफ्फरपुर के और शेष अन्य जिलों के हैं। इस प्रकार 35 में से 33 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं।

डॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम के तहत एईएस, चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण करने के मद्देनजर गोद लिए हुए पंचायतों में पदाधिकारी  अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए  चमकी  को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम को अंजाम दे रहे हैं। इसी के तहत कल अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा गोद लिए पंचायतों में बैठकें की गई। साथ ही महादलित टोलों में भ्रमण करते हुए  बच्चों एवं अभिभावकों को  चमकी को लेकर  जागरूक किया।

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उनके द्वारा पंपलेट भी बांटे गए और पढ़कर भी सुनाए गए। संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों  समुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्रों इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया तथा आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका एवं आशा को प्रेरित किया गया कि वे नियमित रूप से डोर-टू-डोर भ्रमण करते हुए  आम लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना जारी रखें।

मालूम हो कि एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में प्रथम चरण में जिले के 270 पंचायतों को गोद लिया गया है जहां प्रत्येक शनिवार को अधिकारी एवं कर्मी पहुंचते हैं और एईएस/चमकी बुखार को लेकर उनके द्वारा सघन रूप से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है।

जिलाधिकारी द्वारा जागरूकता अभियान का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है और साथ ही सभी वरीय पदाधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। आगे आने वाले दिनों में  जागरूकता अभियान  को और भी गति दी जाएगी। माकूल चिकित्सीय व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ समानांतर रूप से गांव, टोला और पंचायतस्तर पर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

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जनवरी 2022 से लेकर अभी तक कूल 35 मरीज सामने आए हैं जिसमें 23 मुजफ्फरपुर जिले के और 12 अन्य जिलों के हैं। 35 मरीजों के विरुद्ध अभी तक 33 मरीज इलाज के उपरान्त स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है। वर्तमान में अंडर ट्रीटमेंट मरीजों की संख्या जीरो है जनवरी 2022 से लेकर अभी तक 2 मरीजों की मौत हुई है उसमें एक मरीज(सीतामढ़ी) की मौत जनवरी 2022 में ही हुई थी जबकि दूसरे की(वैशाली) 13 अप्रैल 2022 को हुई थी।