मुजफ्फरपुर/बिफोरप्रिंट। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि दिल्ली के भयावह मुंडका अग्निकांड, जिसमें 27 लोगों की मौत की अब तक पुष्टि हुई है, में कई लोगों की बिहार से होने की संभावना है. लेकिन इन मृतकों की शायद ही कोई खोज-खबर बिहार सरकार ने अब तक ली है।
राज्य के बाहर काम कर रहे मजदूरों की लगातार होती मौतें एक गहन चिंता का विषय है। उन्हें बेहद असुरक्षित परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा है कि हमने बारंबार केंद्र व बिहार सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिए कानून बनाने की मांग की है ताकि उनके रोजगार व सुरक्षा की गारंटी हो सके। लेकिन, इसके प्रति बिहार सरकार का रवैया लगातार उदासीन बना हुआ है जो बहुत ही गंभीर मामला है।
अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार मुंडका कंपनी में लगी आग की चपेट में बिहार की सहरसा की रहने वाली 35 वर्षीय सोनी, मुजफ्फरपुर की 42 वर्षीय गीता देवी, 29 वर्षीय मधु आदि मजदूर महिलाएं आई हैं, जिनकी कोई खोज-खबर नहीं है। सभी 27 लोगों का शरीर जलकर पूरी तरह से कंकाल बन गया है।
इस कारण लाश की पहचान में संकट आ रहा है। इसलिए बिहार सरकार अपने स्तर से सभी मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए और मृतक परिजनों को तत्काल 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा करे।
यह भी पढ़ें…