-मजबूर पिता अपने बच्चों को भिजवा रहे जेल
-बेखौफ काम कर रहे नशे के सौदागर, बच्चों व टीनएजर्स को बना रहे निशाना, कारोबार में महिलाएं भी शामिल
मुजफ्फरपुर/बिफोरप्रिंट। बिहार मे पूर्ण शराब बंदी लागू है।,देशी-विदेशी शराब ,भखु,चुलाई,झमरुआ की बातें अब पुरानी हो चुकी हैंः गाहे-बगाहे यदि लोग इसका सेवन करते हैं तो पकडे भी जाते हैं मगर नशे की आदी हो चुकी युवापीढी ने अब इसका विकल्प भी ढूढ लिया है। ब्राउन शुगर,अफीम,स्मैक,गांजा,चरस,व्ह्वाइटनर ,सॉल्यूशन सहित दर्जनों विकल्प हावी हो गये हैं। युवापीढी महंगी बाईक व नशे के लिए कुछ भी करने को आमादा रहते हैं। नशे के ये सौदागर,बच्चों व टीनएजर्स को अपना निशाना बना रहे है। बेखौफ काम कर रहे नशे के सौदागरो में महिलाएं भी शामिल है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब बोचहा प्रखंड के करणपुर दक्षिणी ,ककडाचक निवासी कपड़ा दुकानदार राजदेव भगत ने भरी आंखों से अपने 19 वर्षीय पुत्र को तीन माह पूर्व खुद लोगों की मदद से पुलिस थाने में लॉकअप तक पहुंचाया और पुलिस से गुहार लगाते हुए उसे जेल भेजवाया।
पूछने पर पता चला कि मैट्रिक पास वह युवक नशे का आदी है। भरी आंखों से उसके पिता ने बताया की बड़े अरमान से वह बेटे को पढा- लिखा रहा था लेकिन नशे ने सब चौपट कर दिया । स्मैक, चरस, गांजा सहित नशे से बर्बाद हो चुके अपने बड़े पुत्र अभिजीत को मजबूर होकर उसने पिछले साल जेल भिजवाया था। पिता का हाथ तोड़ने के बाद मंझले पुत्र सर्वजीत ने मां सहित घर के सभी सदस्यों की पिटाई की थी, उसे काबू में लाने की सभी कोशिशें जब बेकार हो गईं तो उसे भी पुलिस के हवाले कर दिया।
प्रखंड में एसे मजबूर बाप सिर्फ राजदेव ही नहीं है,करणपुर दक्षिणी ककडाचक निवासी दिनेश सहनी का घर भी नशे ने बर्बाद कर दिया या है , बड़े बेटे को दिल्ली ले गए, नशे की लत नहीं छूटी तो वहीं जेल भिजवा दिया। फिर दूसरा बेटा वकील सहनी भी नहीं सुधरा तो मुजफ्फरपुर-दरभंगा मार्ग स्थित पहल नशा मुक्ति केंद्र के बाउंसर की टीम को ककडाचक बुलवाकर दो माह पूर्व जबरन ले जाकर उसे वहां भर्ती करवाया।
एक तरफ,शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के तमाम प्रयास चल रहे हैं तो दूसरी ओर युवापीढी मे नशे की लत भी बढ रही है। प्रखंड के हजारों युवा से लेकर किशोर व बच्चे तक नये – नये नशे की गिरफ्त में हैं। युवा महंगी बाईक व नशे के लिए कुछ भी करने को आमादा रहते हैं। बड़े पैमाने पर फैले नशे के इस अवैध कारोबार मे कुछ महिलाएं भी शामिल बताई जा रही है। नशे के शिकार इन परिवारों के लोगों की माने तो प्रखंड के सारे गली मोहल्लों में बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार फैला है, नशे में डूबने वाले युवक भी बाद में नशीले पदार्थों के कारोबारी बनते जा रहे हैं।
इस कारोबार में बड़े पैमाने पर महिलाएं शामिल हैं, बताया जाता है कि पॉलिथीन के छोटे-छोटे पूरिये में आने वाले इस नशे को महिलाएं इनरवियर में लेकर चलती है जिससे किसी को शक भी नहीं होता चेक करना भी मुश्किल है। वहीं हर गांव में कोई ना कोई अगल बगल का ही काम करने वाला है जिससे डर से भी कोई कुछ नहीं बोलता। मोटरसाइकिल के सीट के नीचे रखकर आसानी से इसे पहुंचाया जाता है। करीब छ: माह पूर्व बोचहा पुरानी बाजार के निकट एक बाइक दुर्घटनाग्रस्त हुई थी जिसके सीट के नीचे से पांच पॉलिथीन पैकेट में पाउडर जैसा कोई चीज निकली थी, पता चला कि वह कोई नशीला पदार्हीथ ही था।
वहीं क्षेत्र के दो नशा मुक्ति केंद्र से मिल रही सेवाओं से , दर्जन भर लोग भी ठीक हो चुके हैं। प्रखंड क्षेत्र में गरहां व बखरी में संचालित नशा मुक्ति केंद्र से से लोगों को सहायता मिल रही है। पहल नशा मुक्ति केंद्र के मोईन खान वा मो.फिरोज खान की कोशिश से इस वर्ष लगभग दर्जन भर लोग नशे से मुक्त हुए हैं। फिरोज खान ने बताया कि करणपुर दक्षिणी ककडाचक,डढियां व रामपुर जयपाल के मिल्कीचक सहित कई इलाकों के लोगों ने नशे से मुक्ति पाई है।