आशा कार्यकर्ता को मिली महादलित टोलों में सर्वे कर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेवारी

मुजफ्फरपुर

निम्न पारफोरमेंस वाले आशा कार्यकर्ताओं पर होगी कार्रवाई, प्रति माह का लक्ष्य निर्धारित

Muzaffarpur/Beforeprint: समाहरणालय सभागार में स्वास्थ विभाग के पदाधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि आशा वर्कर महादलित टोलों में सर्वे कर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाएं।इस कार्यक्रम में शिथिलता बरतने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होनें शिशु -मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवश्यक उपाय करने का निदेश दिया। डीएम ने 10 दिसम्बर से पूर्व प्राथमिक तथा अन्य स्वास्थ केन्द्रों पर एएनएम की उपस्थिति,प्रतिनियुक्ति को लेकर सिविल सर्जन को उनका रेशनलाइजेशन करने का निदेश दिया है।

बेहतर स्वास्थ उपलब्ध कराने के दिशा में युवतियों एवं महिलाओं के बीच नियमित रूप से फोलिक एसिड और आयरन टैबलेट वितरित करने का निदेश देते हुए कहा गया कि इसकी कमी रहने पर पहले से ही जिला मुख्यालय से अधियाचना की जाए। संस्थागत प्रसव और चैथा एएनसी में कमी रहने पर जिला पदाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। जिले में चौथा एएनसी होने के बाद 50 फीसदी से कम संस्थागत प्रसव होना कमतर प्रगति का सूचक है। एम्बुलेंस परिचालन में कमी और आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने कर्तव्यों से विमुख होना इसके चिन्हित कारण हो सकते है। जिला पदाधिकारी ने उक्त दोनों बिन्दु पर अनुश्रवण करने साथ ही साथ गड़बड़ी करने वालों पर शक्त कार्रवाई करने का निदेश दिया।

तदनुसार 15 दिनों का मानदेय कटौती का भी निदेश दिया गया। आशा बीसीएम, एएनएम के साथ सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इस संबंध में बैठक कर निदेश भी देगें।डीएम ने कहा कि महिलाओं का हीमोग्लोबिन जाँच नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक जाँच- किट और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। परिवार नियोजन कार्यक्रम में आशा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । आशा को और अधिक सक्रिय होकर काम करने की आवश्यकता है। कम से कम एक बंध्याकरण प्रति माह का लक्ष्य 01 आशा कार्यकर्ता को दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन उमेश चन्द्र शर्मा, एसीएमओ, डीआईओ, डीएस, डीपीएम एवं जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सहित सभी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे।