Desk : मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव की बारी है। यहां आरजेडी विधायक अनिल सहनी की विधायकी रद्द किए जाने के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है। वहीं कुढ़नी उपचुनाव को मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी की अहमियत बढ़ती हुई दिख रही है। राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा खूब है कि महागठबंधन की ओर से यह शर्त रखी गई है कि मुकेश सहनी कुढ़नी से खुद चुनाव लडे़ं तो वहां से उनको महागठबंधन से टिकट दिया जा सकता है! हालांकि ऐसा बयान महागठबंधन के किसी जिम्मेवार नेता ने नहीं दिया है। बता दें कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को पटना से दिल्ली पहुंच गए हैं और वहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ बैठकर वे कुढ़नी पर विचार करेंगे।

कहा जा रहा है कि बिहार में हो रहे उपचुनावों में 2024 और 2025 के चुनाव की रणनीति भी पक रही है। सूत्रों का कहना है कि मोकामा और गोपालगंज के उपचुनाव में मुकेश सहनी की अपील पर निषाद समाज ने काफी वोट किया है। वे बताते हैं कि कुढ़नी उपचुनाव के लिए वीआईपी ने 6-7 उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया है। उसमें सहनी और पासवान समाज से लोग हैं। इसमें से सबसे मजबूत को टिकट दिया जाएगा।16 नवंबर को वीआईपी अपना उम्मीदवार उतारेगी। वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव मिश्रा कहते हैं कि जो पार्टी निषाद समाज को अनुसूचित जाति का आरक्षण देगी उसके साथ जाने की सोच सकते हैं।
बता दें कि इस सीट पर जदयू के मनोज कुशवाहा को टिकट दिए जाने की चर्चा है। हालांकि यह सीटिंग सीट आरजेडी की है जहां से आरजेडी नेता अनिल सहनी विधायक थे और राज्य सभा सदस्य के रूप में गलत यात्रा भत्ता बिल आदि देने की वजह से उनकी विधायकी रद्द कर दी गई और यहां उपचुनाव हो रहा है। मनोज कुशवाहा उस समय चर्चा में आए थे जब मुजफ्फरपुर के मीनापुर विधान सभी सीट से जेडीयू के प्रत्याशी मनोज कुशवाहा ने अंतर्कलह के बाद सिंबल लौटा दिया था।
मनोज कुशवाहा कुढ़नी से चुनाव जीतते रहे हैं। वे पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। चर्चा इस बात की भी है कि उन्हें राजद के सिंबल पर भी लड़ाया जा सकता है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन कहते हैं कि महागठबंधन का शीर्ष नेतृत्व कुढ़नी में उम्मीदवार पर फैसला लेगा। यह फैसला जल्दी हो हो जाएगा। कुढ़री में 5 दिसंबर को मतदान होगा। 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। नॉमिनेशन की अंतिम तिथि 17 नवंबर है।