Muzaffarpur/Befoteprint : जिले के पूर्वी बॉर्डर क्षेत्र बन्दरा प्रखंड एवं आसपास के इलाकों में यूरिया की किल्लत है। किसान कालाबाजारी के शिकार हैं। किसान जितेंद्र ठाकुर विजय ठाकुर कमलेश ठाकुर(सकरी, चांदपुरा) मनोज झा(बन्दरा) आदि किसानों ने बताया कि यूरिया का दाम भले ही 266 रुपये बोरा है, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में दुकानदार किसानों पर यूरिया के साथ नैनो यूरिया लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।एक बोरा (45 किलो) यूरिया के साथ एक लीटर नैनो यूरिया लेने पर किसान को 550 रुपये देना पड़ रहा है। विरोध जताने वाले किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है।
किसानों की शिकायत पर अधिकारियों के द्वारा किसानों से लिखित शिकायत करने की मांग की जाती है, जबकि किसी भी मामले में अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मामले में बंदरा पूर्वी के जिला पार्षद फ़नीष कुमार चुन्नू ने बताया कि जिले के थोक विक्रेताओं के द्वारा बन्दरा प्रखंड एवं आसपास के क्षेत्रों में खादों की कालाबाजारी करवाई जा रही है और इस आड में एक बहुत बड़ा कारोबार किया जा रहा है।जिसपर जिला स्तर से रोक लगाना और कार्यवाई करना जरूरी है।उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से प्रत्येक सीजन में इस तरह का कालाबाजारी किया जाता है।
जिला पार्षद ने दावा किया क्षेत्र में कृषि विभाग के अधिकारी दिखते हीं नहीं हैं।न कहीं खाद दुकानों का निगरानी या जांच करते नजर आते हैं। न कहीं कोऑर्डिनेटर जांच या कार्यवाई में दिखते हैं। वही ईमानदार दुकानदारों को खादों का आवंटन नहीं होता है, जबकि क्षेत्र में कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों को आवंटन भी अतिरिक्त करा दिया जाता है और बदले में कालाबाजारी का खुलेआम खेल खेला जाता है। ऐसे में क्षेत्र के किसान दोहन के शिकार हो रहे हैं।
जिला पार्षद का आरोप है कि पिछले महीने प्रखण्ड स्तरीय किसान संगोष्ठी कार्यक्रम में उन्होंने विधायक एवं अधिकारियों के समक्ष कालाबाजारी का मामला जोरशोर से उठाया भी था, तब आश्वासन देकर मामले को टाल दिया गया। अबतक कार्रवाई नहीं हो सकी।जबतक ऐसे मुनाफाखोर दुकानदारों पर एफआईआर और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई नहीं होगी तब तक धंधा पर लगाम लगाना सम्भव नहीं है।