मुजफ्फरपुर में बढ़ती महंगाई के खिलाफ 29 अप्रैल को भाकपा करेगी धरना-प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर : सकार की गलत नीतियों से देश में आकाश छूती कमरतोड़ महंगाई से आमजन त्रस्त है। डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस की कीमत पिछले 22 मार्च से 10 अप्रैल के बीच 14 बार बढ़ाई गई है। पिछले 8 साल में कच्चे तेल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।

वर्ष 2014 में 106 डालर प्रति बैरल क्रूड ऑयल था। वर्ष 2022 में 109 डालर प्रति बैरल क्रूड आयल है। वर्ष 2014 में पेट्रोल 71.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 55.49 रुपये प्रति लीटर था वहीं वर्ष 2022 में पेट्रोल 120 रुपये प्रति लीटर, डीजल 105 रुपये प्रति लीटर है। वर्ष 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज 9.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर एक्साइज 3.46 रुपये प्रति लीटर था। वर्ष 2022 में पेट्रोल पर एक्साइज 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। पिछले 8 साल में मोदी सरकार ने इंधन पर टैक्स से 26 लाख करोड़ रुपये कमाए।

वर्ष 2014 से अब तक डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 72 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। वर्ष 2014 में रसोई गैस की कीमत 410 रुपये था जो अभी 1100 रुपये के करीब है। डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन खर्च बढ़ जाता है और सभी चीजों की कीमतें बढ़ जाती है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार खुदरा महंगाई की दर 7.67 प्रतिशत हो गई है जो सबसे ऊंची दर है। उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य में भारी उछाल आया है। जीवन रक्षक आठ सौ दवाओं की कीमतें बढ़ी हैं। जिसमें ब्लड प्रेशर, शुगर सहित कुछ प्रमुख दवा की कीमतों में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

कैंसर की दवा जिस पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है उसके भी मूल्य में भारी वृद्धि हुई है। सरकार गरीबों पर असर डालने वाली इंधन टैक्स, जीएसटी सहित अप्रत्यक्ष टैक्स को बढ़ा रही है। दूसरी तरफ प्रत्यक्ष टैक्स आयकर, कारपोरेट टैक्स को कम कर दिया गया है और गरीबों पर बोझ लाद दिया गया। कारपोरेट कंपनियां मालामाल हो रही है और गरीबों का जीना मुहाल है। तीन निजी कारपोरेट घरानों को पेट्रोलियम उत्पादित पदार्थों में लूट की छूट देने से आज उनकी गिनती विश्व के प्रमुख पूंजीपतियों में होने लगी है।

इस अन्याय के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पूरे बिहार में 29 अप्रैल 2022 को धरना, प्रदर्शन, सड़क जाम कर आंदोलन को संगठित करेगी। सभी वाम धर्मनिरपेक्ष जनवादी दलों, छात्र, नौजवानों, किसान- मजदूरों, व्यापारी बुद्धिजीवियों व जनता के सभी तबकों से अपील है कि महंगाई के खिलाफ इस आंदोलन में अपनी सशक्त भागीदारी देकर इसे सफल बनाएं।