पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर बिहार में अगले 4-5 दिनों तक है बारिश की सम्भावना

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/Befoteprint. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा डा०आर०पी०सी०ए०यू० पूसा, समस्तीपुर एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 18-22 मार्च, 2023 तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार,सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आसमान में गरज वाले मध्यम से घने बादल बन सकते है तथा इसके प्रभाव से उत्तर बिहार के लगभग सभी जिलों में अगले 4-5 दिनों तक हल्की वर्षा होने की संभावना बनी रहेगी। 19-20 मार्च के आसपास मध्यम (लगभग 20-30 मि०मी०) वर्षा भी हो सकती है। वर्षा के दौरान तेज हवा के साथ कुछ स्थानों पर ओला पड़ने की भी सम्भावना है। अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकती है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 कि0मी0 प्रति घंटा की रफ्तार से मुख्यतः पूरवा हवा चलने का अनुमान है। वर्षा के दौरान हवा की रफ्तार औसतन रफ्तार से अधिक होने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।

किसान भाई अगले 4-5 दिनों तक वर्षा होने की सम्भावना है अतः तैयार सरसो की कटनी एवं झराई का कार्य स्थगित रखे तथा मौसम साफ या वर्षा होने बाद करें। इस अवधि में वर्षा की सम्भावना को देखते हुए कृषि कार्यों में भी सावधानी बरते। अच्छी वर्षा की सम्भावना को देखते हुए खड़ी फसलों में सिचाई फिलहाल स्थगित रखें।वर्षा की सम्भावना को देखते हुए गरमा सब्जी की बुआई स्थगित करें तथा वर्षा होने के बाद सब्जी की बुआई अबिलब संपन्न करें। लौकी की अर्को बहार, काशी कोमल, काशी गंगा पूसा समर प्रोलिफिक लोग पूसा मेघदूत मूसा मजरी पूसा नवीन किस्मों की बुआई करें। तरबूज की अर्का मानिक, दुर्गापुर मधु सुगरबेली, अर्का ज्योती (सकर) तथा खरबूज की अर्का जीत अर्का राजहंस, पूसा शर्बती किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुसंचित है। नेनुआ की पूसा चिकनी, स्वर्ण प्रभाकरैला की अर्का हरित काशी उर्वी, पूसा विशेष कायमबटूर लॉग की बुआई करें। खेत की जुताई में 20-25 टन गोबर की खाद 30 किलोग्राम नेत्रजन 50 किलोग्राम फॉसफोरस, 40 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे।

वर्षा की सम्भावना को देखते हुये अगले २-४ दिनों तक ओल की रोपाई सावधानी पूर्वक करें। रोपाई के लिए गजेन्द्र किरम अनुशंसित है। प्रत्येक 05 किलोग्राम के कन्द की रोपनी के लिए दूरी 75×75 से मी० रखें 05 किलोग्राम से कम वजन की कंद की रोपाई नहीं करे वीज दर 80 विटल प्रति हेक्टेयर की दर से रखे बुआई से पूर्व प्रति मया किलोग्राम सड़ी हुई गोवर 20 ग्राम अमोनियम सल्फेट या 10 ग्राम परिया 375 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 16 ग्राम पोटेशियम सल्फेट का व्यवहार करे। जल की कटे कन्द को ट्राइकोर्डमा मिरीठी दवा के 5.0 ग्राम प्रति लीटर गोबर के घोल में मिलाकर 20-25 मिनट तक डुबोकर रखने के बाद कन्द को निकालकर छाया में 10-15 मिनट तक सूखने दे उसके बाद उपचारित कन्द को लगाये ताकि मिट्टी जनित बीमारी लगने की संभावना को रोका जा सके तथा अच्छी उपज प्राप्त हो सके।

वर्षा की सम्भावना को देखते हुए किसान भाई अभी अगले ३-४ दिनों तक गरमा मूंग तथा उरद की बुआई स्थगित करें। वर्षा के बाद या मौसम साफ रहने पर बुवाई करें। बुआई के पूर्व 20 किलो ग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम स्फूर 20 किलोग्राम पोटाप तथा 20 किलोग्राम गंधक प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। मूंग के लिए पूसा विषाल सम्राट एसएमएल०-668 एच0यू0एम0-16 एवं सोना तथा उरद के लिए पंत चरद-12 पंत उरद-31, नवीन एवं उत्तरा किस्मे बुआई के लिए अनुषंसित हैं। बुआई के दो दिन पूर्व बीज को कान्हाजीम 25 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से शोधित करें। बुआई के ठीक पहले शोधित बीज को उचित राइजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करे बीजदर छोटे दानों के प्रभेदों हेतु 20-25 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बड़े दानों के प्रवेदों हेतु 30-35 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बुआई की दूरी 30810 से०मी० रखें।

वर्षा की सम्भावना को देखते हुए गरमा सब्जी की बुआई स्थगित करें तथा वर्षा होने के बाद सब्जी की बुआई अविलम संपन्न करें। लौकी की अर्को बहार, काशी कोमल, काशी गंगा पूजा समर, प्रोलिफिक लींग, पूसा मेघदूत पूसा मंजरी, पूसा नवीन किस्मों की बुआई करें। तरबूज की अर्का मानिक, दुर्गापुर मधु सुगरबेली, अर्का ज्योती (सर) तथा खरबूज की अर्का जीत अर्का राजहंस, पूसा शर्बती किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुसंचित है। नेनुआ की पूसा चिकनी, स्वर्ण प्रभा करेला की अर्का हरित, काशी उर्वी, पूसा विशेष कायम्बटूर लॉंग की बुआई करे खेत की जुताई में 20-25 टन गोबर की खाद 30 किलोग्राम नेत्रजन, 50 किलोग्राम फॉसफोरस, 40 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।

बैगन की फसल में तना एवं फल छेदक कीट की निगरानी करें। इसके पिल्लू फल में घुसकर अन्दर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते है, जिससे प्रभावित फलों की बढ़वार रुक जाती है और वे खाने लायक नहीं रहते, आगे चलकर पूरी फसल बरबाद हो जाती है। कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त तना एवं फलों की दुराई कर नष्ट कर दें एवं उसके बाद स्पीनेसेड 48 ई०सी०/ 1 मि०ली० प्रति 4 लीटर पानी की दर से या धीनालफॉस 1.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें। आज का अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस कम तथा आज का न्यूनतम तापमान 195 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।