मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर । कल ईद का त्योहार है।इसमे सेवई का बडा महत्व होता है। वैसे भी ईद का त्योहार हों और सेवइ का नाम न हो ऐसा तो हो ही नही सकता। ईद के अवसर पर सेवइ खाने का विशेष मजा हैं। सेवइ को दुध में मिलकार खाया जाता हैं जिससे सेवइ का स्वाद और भी बढ़ जाता है। युं तो सेवइ सालोभर बाजार में मिलती है लेकिन ईद के अवसर पर बाजार में तरह तरह की सेवाइया मिलती है।
सादे रंग की सेवइ, जिलेबी रंग की सेवइ, लाल रंग की सेवइ, और न जाने कौन कौन से रंग की सेवाइया । कोइ सेवइ मुजफ्फरपुर में बनती है तो कोई बाहर से मंगाई जाती है । लेकिन सबका मजा एक ही हैं। मगर इन सब से अलग हटकर अगर कोई सवाइ है तो वह हाफिजी का हाथ का लच्छा है। यह स्पेशल इसलिए है क्योंकि इस लचछे को हाथ से तैयार किया जाता है।
इसी वजह से इसका नाम हाथ का लच्छा दिया गया है। ये हाथ लच्छा स्पेशल ईद से पहले रमजान में बनाई जाती है। और रमजान से लेकर ईद के चांद रात के दिन तक इसकी खूब बिक्री होती है। मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा महेश बाबू चौक के अबुल हसन करीबन 35 साल से इस लच्छे को अपने कारखाना में तैयार करवा कर मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि बिहार के कई जिलों में सप्लाई किया करते हैं।
इस हाथ लच्छा को तैयार करने के लिए। एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे एक दर्जन कारीगर दिन रात लगकर इसे तैयार करते हैं। ये हाथ अच्छा 280 रूपये से लेकर 440 रूपये किलो तक की है