कृषि विभाग के अधिकारियों की इस बात की खबर तक नही
Muzaffarpur/Befoteprint जिले के बोचहा प्रखंड अंतर्गत बिशनपुर जगदीश पंचायत के गुढमी के किसान ने लगभग पांच बीघा से अधिक जमीन में अक्टूबर प्लांट मकई की खेती इसलिए किया कि अन्य फसलों से हुई आर्थिक क्षति को मक्का उत्पादन कर पूरा किया जा सके। लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।मकई के पौधा से निकली बालियों में दाना नहीं आने की वजह सेकिसान की उम्मीद पर पानी फिर गया। उनकी चिंता इस बात से बढ़ी है कि अब कैसे कर्ज चुकाएंगे ,बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा? किसान जिया लाल राय कहते हैं कि 26 कठ्ठा जमीन पर खेती करने के लिए 10 हजार रुपया कर्ज लिया था।
मार्केट में खुले बीज भंडार से मक्के का बीज लाया और उस बीज को इस उम्मीद से लगाया था कि अच्छी फसल होने पर लिए गये कर्जों को चुकता कर देंगे। वे कहते हैं कि लगभग डेढ़ बीघे में लगे मक्के की फसल में खाद -उर्वरक ,निकौनी और सिंचाई आदि में कुल 22-23 हजार रुपया खर्च आये थे। मक्का की फसल खूब हरी भरी हुई, बाली भी दिया लेकिन भूट्ठे में दाना नहीं आने से उम्मीदों पर पानी फिर गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नकली बीज की बिक्री करनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे किसानों को इस तरह की समस्या से निजात मिल सके। कृषक खलील मिया, अशोक कुमार सिंह, राज बली राय, संजय राय, हदीश मिया, चंदेश्वर राय कहते हैं कि मक्के की बाली में दाना नहीं आने की शिकायत आम है। उन्होंने बताया कि ऐसे ही किसान कर्ज लेकर खेती करें और फसल काटने के समय दाना नहीं आने से रीढ़ ही टूट जाती है।
इस मामले कृषि पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि मक्के की फसल में दाना नहीं आने की शिकायत किसान द्वारा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात सामने आएगी तो उसकी जांच कराई जाएगी और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। सरकार अनुदान देती है तो वैसे किसानों को अनुदान मिलेगा, जिन किसानों की फसल जांच में प्रभावित पायी जायेगी।