Muzaffarpur/Befoteprint : हिंसा और खून खराबा को समाप्त करने के उद्देश्य से मुजफ्फरपुर के लोक कलाकार सुनील कुमार,संयोजक सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान बस्तर संभाग के अलग अलग प्रखंडों, जिला में छत्तीसगढ़ में शांति का माहौल कायम हो, इसको लेकर मोहला मानपुर,कोंडागांव,नारायणपुर जिले में गीत संगीत, अभिनय, नुक्कड़ नाटक,कठपुतली के माध्यम से अहिंसा के प्रति लोगो को जागरूक कर रहे हैं और बदले की भावना को त्याग आपस में भाईचारा का संदेश जन जन तक अपनी कला के माध्यम से पहुंचा रहे हैं।
लोक कलाकार सुनील कुमार का मानना हैं हिंसा और टकराव से भरे बस्तर में शांति संभव है। इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने की जरूरत हैं। हिंसा और खून खराबा छत्तीसगढ़ के विकास में बाधक हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगो के मन से डर,भय आक्रोश को समाप्त होना जरूरी हैं।नक्सल समस्या के कारण लोग अपने गांव को छोड़ कर दर दर भटकने के लिए मजबूर हैं।हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से जगह जगह “चैकले मांदी”सुख शांति के लिए बैठकें की जा रही हैं।
बस्तर संभाग में चल रहे सुख शांति बैठक में सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक लोक कलाकर सुनील कुमार गीत गाते हुए, नुक्कड़ नाटक, अभिनय तो कभी कठपुतली के माध्यम से तो कभी मदारी -जमुरा का खेल दिखा कर बस्तर क्षेत्र में शांति एवं हिंसा खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। लोक कलाकार सुनील कुमार का कहना हैं कि अंगुलिमाल डाकू था, लेकिन महात्मा बुद्ध ने अपने वार्तालाप के प्रभाव से उसका ह्रदय परिवर्तन किया, और दस्यु प्रकृति से छुटकारा दिलायाl
उसी भाव को सामने रख कर हमलोग बस्तर के निवासी को नक्सली समस्या से छुटकारा न मिलने के कारण और उसके समाधान प्रस्तुत करने की दिशा में प्रयास कर रहे है।नक्सलियौं को भय से नहीं, प्रेम से बदलने तथा शासन में बैठें लोग,जनप्रतिनिधि,बुद्धिजीवी समाज से कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना का आग्रह
कर रहे हैं।