जिले में 10 अक्टूबर से चलेगा कुष्ठ रोगी खोज अभियान : डॉ रंजीत

मुजफ्फरपुर

सभी प्रखंडों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी कुष्ठ रोगियों की खोज में मदद, सरकारी अस्पतालों में होता है निःशुल्क इलाज

Motihari / Rajan Dwivedi : जिले में कुष्ठ उन्मूलन को लेकर 10 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच लगातार 10 दिनों तक कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के सभी 27 प्रखंडों  में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वैच्छिक महिला एवं पुरूष कार्यकर्ताओं के द्वारा कुष्ठ रोगी की खोज की जाएगी- ये बातें जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताई।

उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता हेतु सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अस्पताल उपाधीक्षक को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी प्रखंडों के सभी क्षेत्रों में 2 वर्ष से ऊपर के लोगों के पूरे शरीर के अंगों  की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि शरीर पर उभर रहे दाग-धब्बे की जांच की जाएगी कि कहीं इनमें कुष्ठ के लक्षण तो नहीं। लक्षण दिखाई देने पर मरीज का नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अनुभवी चिकित्सक द्वारा निःशुल्क इलाज कराया जाएगा।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने कहा कि  शरीर पर आ रहे नए दाग के साथ उसमें सुन्नापन या उभरे हुए दाना को नजरअंदाज नहीं करें, शरीर पर आ रहे नए दाग या किसी प्रकार के उभरे हुए दाग कुष्ठ रोग के सूचक भी हो सकते हैं। यदि शुरुआती दौर में इस तरह के लक्षण को नजरअंदाज किया जाए तो यह काफी घातक हो सकता है।

सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि कुष्ठ रोग एक साधारण बीमारी है। यह किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इसका निःशुल्क इलाज उपलब्ध है। इस बीमारी की समय से पहचान होने पर 6 से 12 महीने तक लगातार दवा खाने से यह पूर्ण ठीक हो सकता है। उन्होंने बताया कि यदि इसमें लापरवाही बरती जाए तो कई दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि रिएक्शन वाले कुष्ठ में टाइप वन एवं टाइप 2 तरह के कुष्ठ होते हैं जिसमें टाइप टू काफी खतरनाक होता है। बताया कि इसके लक्षण में त्वचा क्षति, मांसपेशियों की कमजोरी, हाथ, पैर, हाथ और पैर का सुन्न होना। इस रोग के दौरान मुख्य रूप से त्वचा और नसों पर हमला होता है और त्वचा विकृत हो जाती है क्योंकि त्वचा पर कई गांठ, घाव और बम्प्स होते हैं।

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