Muzaffarpur/Beforeprint: जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप अग्निहोत्री ने कि आगामी 11 फरवरी को जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायालय में लंबित वादों को निष्पादन में तेजी लाने का सुनहरा मौका है। उन्होने बताया कि लोक अदालतों का सबसे बड़ा गुण निःशुल्क तथा त्वरित न्याय है। ये विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है। इसका उद्येश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए। लोक अदालत में परस्पर वार्ता के मामलों का तुरंत निस्तारण किया जाता है। लोक अदालत द्वारा पारित एवार्ड को सिविल कोर्ट की डिग्री की तरह कानूनी मान्यता है।
अगर कोई न्याय शुल्क दिया गया हो तो निस्तारण के उपरान्त उसे वापस कर दिया जाता है। इस अदालत में मुकदमा पूर्व वाद तथा न्यायालय में लंबित वाद की परस्पर बातचीत से सुलझाया जाता है। जिसे कानूनी मान्यता प्राप्त होती है। 2023 में चार दिन लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है जो 11 फरवरी, 13 मई, 09 सितम्बर तथा 02 दिसम्बर को आयोजित होगा।
दोनों पक्ष मुकदमा पूर्व वाद में एनआई एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत वाद, धन वसूली वाद, श्रम विवाद, बिजली और पानी के बिल मामले, भरण पोषण एवं अन्य सिविल विवाद का निपटारा किया जायेगा। जबकि न्यायालयों में लंबित वाद आपराधिक शमनीय मामले, धन वसूली, श्रम, भूमि अधिग्रहण, सेवा, राजस्व, अन्य दिवानी मामले यथा किराया निषेधाज्ञा वाद आदि का निष्पादन किया जायेगा। 11 फरवरी 2023 को लगने वाले लोक अदालत को लेकर शहर, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन एवं विभिन्न जगहों पर होडिंग्स लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही रेडियो एफएम तथा होर्डिंग्स डिस्प्ले पर भी विज्ञापन जारी है।