मुजफ्फरपुर/बिफोरप्रिंट/ब्रह्मानन्द ठाकुर : चमकी बुखार के जागरूकता को लेकर डॉक्टर अरुण शाह फाउंडेशन का रथ रवाना। मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद और डॉक्टर अरुण शाह ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रथ को किया रवाना। मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार को लेकर हमेशा भय बना रहता है राज्य सरकार जिला प्रशासन और कई संस्थाएं हैं गर्मी के आते ही चमकी बुखार से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का प्रयास करती है सबों की एक ही इच्छा है कि अधिक से अधिक लोगों में चमकी बुखार से बचने के उपाय की जानकारी पहुंचे।
जिला प्रशासन के साथ-साथ अन्य कई लोग भी हैं जो अपने संगठन के माध्यम से चमकी बुखार को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। इन्हीं नामों में से एक नाम है उत्तर बिहार व मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण शाह का। डॉक्टर साहब साह फाउंडेशन के नाम से चमकी बुखार पर लगातार जागरूकता फैलाने का काम करते हैं।
जिले के सुदूर इलाकों में डॉक्टर साहब खुद भी जाते हैं और वहां के गरीब परिवार के बच्चों को चमकी बुखार से कैसे बचा जाए इसकी जानकारी देने का काम करते हैं। साथ-साथ बच्चों के बीच कभी ओआरएस का पैकेट तो कभी बिस्किट और अन्य पौष्टिक सामान बांटते भी रहे हैं।
इसी क्रम में मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित अपने आवास से साह फाउंडेशन की ओर से 2 बैटरी चालित गाड़ियों को जागरूकता रथ के तौर पर इस्तेमाल करते हुए उसे रवाना किया गया| इस अवसर पर मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई और कहा कि डॉक्टर साहब का यह प्रयास कई वर्षों से चला आ रहा है । जिला प्रशासन भले ही जागरूकता अभियान चलाती है परंतु डॉक्टर साहब के इस प्रयास को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । मैं देख रहा हूं कि पिछले कई वर्षों से मुजफ्फरपुर के पश्चिमी इलाकों जैसे साहेबगंज ,देवरिया और पारू के इलाके जो काफी सुदूर क्षेत्र में है वहां भी डॉक्टर साहब की पकड़ काफी अच्छी बनी हुई है । इन्हीं लोगों के सहयोग का परिणाम है कि पिछले 2 वर्षों में चमकी बुखार से मौत के मामले में काफी कमी आई है। मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता के कार्य डॉक्टर साहब के द्वारा संपादित किए जाते रहेंगे । इसके लिए अजय निषाद ने डॉक्टर अरुण शाह का धन्यवाद ज्ञापन भी किया ।
वहीं डॉक्टर अरुण शाह ने बताया जागरूकता रथ रथ में लाउडस्पीकर लगा हुआ है जिसके माध्यम से बच्चों के खाने का समय खाने में क्या-क्या दिया जाए उन्हें किन किन चीजों से बचाया जाए धूप के समय बच्चों को कैसे कपड़े पहना कर बाहर निकलने दें और किन-किन चीजों से परहेज रखें इन सभी चीजों की विस्तृत चर्चा लाउडस्पीकर के माध्यम से की जाती है । साथ ही समय-समय पर मैं खुद सुदूर के ग्रामीण इलाकों में जाता हूं और जितना ही समय मिलता है उसमें हमारा प्रयास होता है कि हम बच्चों के परिजनों से मिलकर उन्हें या जानकारी दें और जागरूक करें की चमकी बुखार से कैसे बचा जा सकता है| यह निरंतर प्रयास का ही प्रतिफल है कि पिछले साल जिले के 4 प्रखंडों से एक भी चमकी बुखार का के सामने नहीं आया और हमारा प्रयास रहेगा कि पूरे जिले को हम चमकी बुखार से मुक्त रख पाने में सफलता प्राप्त करें ।