-अतिक्रमण हटाने के नाम पर हर बार होता है खानापूर्ति
Muzaffarpur/Beforeprint: बोचहा प्रखंड के शर्फुददीनपुर में गोपालपुर गोपाल स्थित गुदरी बाजार की सरकारी भूमि पर कई दशक से अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। लगभग 5 एकड़ में फैले इस जमीन पर सैकड़ों पक्का दुकान लोग अपने-अपने हिसाब से बनाये हुए है। जरूरत पड़ने पर वे इस सरकारी जमीन को अपने निजी प्रोपर्टी के तर्ज पर दूसरे अतिक्रमणकारी के हाथ लाखों रूपये में बेच भी देते है। इसके लिए खरीदार व बिक्रेता सिर्फ 200 से 500 का नन जुडिसियल स्टांप का प्रयोग भर कर लेते है। सरकारी जमीन की इस अवैध खरीद बिक्री का यह खेल सालों से खुलेआम चल रहा है। ऐसा नहीं कि इस अतिक्रमण के खिलाफ स्थानीय लोग आवाज नहीं उठाते है। उठाते है लेकिन स्थानीय पुलिस, अंचल प्रशासन, ठेकेदार और अतिक्रमणकारियों के गठजोर में यह आवाज हमेशा के लिए दबकर रह जाता है।
इस अतिक्रमण के कारण पिछले कई सालों से सरकार का लाखों का राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। अब एक बार यह मामला फिर चर्चा में तब आया है जब एसडीओ पूर्वी ने पांच अतिक्रमणकारी राजेश्वर राय, राजा राय, अनिल राय, जयकिशोर राय व बलराम प्रसाद यादव के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने का नोटिश जारी किया है। इस नोटिश के बाद भी लोगों में प्रशासन के विरूद्ध आकोष व्याप्त है। लोगों का यह कहना है कि जब अतिक्रमण सैकडों लोग कर चुके है तब हटाने की नोटिश सिर्फ इन्हीं लोगों को क्यों दिया गया। अन्य लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण को प्रशासन कब खाली करायेगी।
यहां का अतिकण का मुददा हमेशा संवेदनशील रहा है उसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा आज तक इसे खाली कराने को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया है। इस संबंध मे पूछने पर राजस्व कर्मचारी राजा कुमार ने बताया कि गुदरी जमीन के बगल में एक तालाब है जिस पर यह अतिक्रमण है। शेष जमीन बाजार का है जिसे खाली नहीं कराया जा सकता। वहीं लोगों ने बताया कि राजस्व कर्मचारी मामले को दबाना चाह रहे है इसलिए वह इस तरह की बात की है। जबकि गुदरी बाजार की जमीन वाले मौजा और खाता खेसरा में ही उक्त तालाब है। नोटिशधारी राजा राय ने बताया कि यह स्थानीय प्रशासन का एकतरफा रवैया हैं। जरूरत पड़ी तो हमलोग अब न्यायालय का दरवाजा खटखटा एंगे,