मुजफ्फरपुर/ब्रामहानंद ठाकुर : कृषिविज्ञान केद्र सरैया और तुर्की द्वारा आज बंदरा प्रखंड के सकरी-चांदपुरा गांव में प्रक्षेत्र दिवस सह फसल कटिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्रॉप कटिंग में किसान भूषण सतीश कुमार द्विवेदी के खेत मे लगे गेंहू की डीबीडब्लू 187 प्रभेद का उत्पादन 67 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और प्रगतिशील किसान प्रभात कुमार द्विवेदी के खेत मे लगे एचडी 2967प्रभेद का उत्पादन 68.80क्विंटल प्रति हेक्टेयर आया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान भूषण सतीश कुमार द्विवेदी और संचालन केवीके सरैया के कृषि वैज्ञानिक डॉ तरुण कुमार ने किया. मौके पर आयोजित किसान गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डीएओ शिलाजीत सिंह ने कहा कि किसानों को जागरूक करने लिए इस तरह का आयोजन काफी फायदेमंद साबित हो रहा है, उन्होंने रासायनिक खाद के कम उपयोग की सलाह देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में रासायनिक खाद का दुष्प्रभाव दिखेगा।
इसलिए समय रहते रासायनिक खाद के उपयोग को नियंत्रित करने के साथ फसल अवशेषों और जैविक खाद को बढ़ावा देकर खेत को बचाया जा सकता है। आज के बदलते परिवेश में खेती की छोटी-छोटी तकनीक को अगर खेत में समय पर लागू किया जाये तो लागत को कम करते हुए उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
सीसा के वैज्ञानिक डॉ पंकज कुमार ने बेहतर उत्पादन लेने के लिये किसानों से गेंहू की बुआई निर्धारित समय से थोड़ा पहले करने की सलाह दी, साथ ही बीज के प्रभेद में बदलाव करते रहने की बात कही। किसान भूषण सतीश कुमार द्विवेदी ने कहा कि बीमारी से बचने के लिये खेतों में रासायनिक खाद को कम और जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाना होगा। आने वाले दिनों में में फसल अवशेष प्रबंधन रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प होगा।
बेहतर उत्पादन लेने के लिये गुणवत्तापूर्ण बीज,समय पर सिंचाई, खर पतवार नियंत्रण के साथ समय समय पर देखभाल भी जरूरी है.मौके पर सिमिट के वैज्ञानिक डॉ एस पुनिया, प्रोग्राम मैनेजर लावलीहुड जीविका अनिल कुमार, सीसा के जेंडर लीडर सुगंधा मुंशी, केवीके सरैया के कार्यक्रम समन्वयक डॉ मीना,डॉ के के सिंह,निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एम एस कुंडू,जीविका बीपीएम धीरेंद्र कुमार, बीएओ अवधेश कुमार चौधरी समेत अन्य किसान मौजूद थे।