मुजफ्फरपुर/ ब्रह्यानन्द ठाकुर : भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने विगत 7 अप्रैल 2022 को तमिलनाडु के इरोड स्थित एसकेएम एडिबल ऑइल मैनुफेक्चरिंग कंपनी में 30 वर्षीय प्रवासी बिहारी मजदूर कमोथ राम की दुर्घटना में मौत और आज आंध्रप्रदेश में केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 6 मजदूरों की मौत व कई लोगों के घायल होने की घटना के संबंध मे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है|
इन 6 मजदूरों में 4 मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा के ही हैं| भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने विगत 7 अप्रैल 2022 को तमिलनाडु के इरोड स्थित एसकेएम एडिबल ऑइल मैनुफेक्चरिंग कंपनी में 30 वर्षीय प्रवासी बिहारी मजदूर कमोथ राम की दुर्घटना में मौत और आज आंध्रप्रदेश में केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 6 मजदूरों की मौत व कई लोगों के घायल होने की घटना के संबंध मे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है, इन 6 मजदूरों में 4 मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा के ही हैं|
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि बिहारी प्रवासी मजदूरों का जीवन बेहद ही असुरक्षित है| लगातार उनकी मौतों की खबरे आती रहती हैं| कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में कटिहार के बारसोई प्रखंड के 5 मजदूर दब कर मर गए थे| इसलिए सरकार को प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होना चाहिए| कोविड काल में भी हमने उनकी भयानक त्रासदी देखी थी, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अब भी वे बेहद असुविधाजनक स्थितियों में अपनी जिंदगी को जोखिम में डालकर काम करने को विवश हैं|
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में विगत 7 अप्रैल को कमोथ राम की काम करते वक्त हुई मौत के खिलाफ लंबे समय से संचित प्रवासी मजदूरों का आक्रोश फूट पड़ा था और सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर उन्होंने मृतक परिजन के लिए उचित मुआवजा और मजदूरों की सुरक्षा की मांग के सवाल पर कंपनी को घेर लिया था, लेकिन कंपनी के बुलावे पर आई पुलिस ने घेराव कर रहे मजदूरों में सेे 40 को उलटे कोयम्बटूर जेल भेज दिया और उनके ऊपर 147, 148 और 307 जैसे मुकदमे थोप दिए गए| ये मजदूर अधिकांशतः बिहार के पूर्वी चंपारण जिलेे के हैं|
महबूब आलम ने इस मामले में नीतीश कुमार से तत्काल हस्तक्षेप करने और तमिलनाडु सरकार व एसकेएम कंपनी के प्रशासकों से बातचीत कर सभी गिरफ्तार 40 प्रवासी मजदूरों की रिहाई की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की| उन्होंने आगे कहा कि प्रवासी मजदूर बहुत ही असुरक्षित माहौल में देश के दूसरे हिस्सों में काम करते हैं| प्रायः उनकी मौत की दुखद खबरें आती रहती हैं, अतः बिहार सरकार को प्रवासी मजदूरों को लेकर अपनी नीति अद्यतन करनी चाहिए और उनकी सुरक्षा तथा दुर्घटना अथवा किसी हादसे के शिकार हुए मजदूरों के लिए न्यनूतम 20 लाख रु. मुआवजे की राशि प्रदान करने का नियम बनाना चाहिए।