Muzaffarpur/Beforeprint : जिले में बिहार विधान सभा 93-कुढ़नी के उप निर्वाचन को स्वच्छ एवं निष्पक्ष ढंग से सुनिश्चित करने हेतु जिले के सभी राजनैतिक दलों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों/मुद्रण प्रेस के मालिकों का ध्यान जनप्रिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127 ए की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया किको ई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रण और प्रकाशक के नाम और पते न हो मुद्रित या प्रकाशित न करेगा और न मुद्रित या प्रकाशित कराएगा।
जो इन उपबंधो का उल्लंघन करेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि छः माह तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दो हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडनीय होगा।भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171 एच- निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय-जो कोई किसी अभ्यर्थी के साधारण या विशेष प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यर्थी का निर्वाचन अग्रसर करने या निर्वाचन करा देने के लिए कोई सार्वजानिक सभा करने या किसी विज्ञापन, परिपत्र या प्रकाशन पर या किसी अन्य ढंग से व्यय करेगा या करना प्राधिकृत करेगा, वह जुर्माने से, जो पाँच सौ रूपये तक का हो सकेंगा, दण्डित किया जाएगा। परन्तु यदि कोई व्यक्ति, जिसने प्राधिकार के बिना कोई ऐसे व्यय किए हो, जो कुल मिलाकर दस रुपये से अधिक न हो, उस तारीख को ऐसे व्यय किए गए हों, दस दिन के भीतर उस अभ्यर्थी का लिखित अनुमोदन अधिप्राप्त कर ले, तो यह समझा जाएगा कि उसने ऐसे व्यय उस अभ्यर्थी के प्राधिकार से किए है।
अतएव उक्त मुद्रण के संबंध में मुजफ्फरपुर जिले के सभी प्रेस स्वामियों को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127 ए एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 एच को संदर्भित करने हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने आदेश दिया है कि ऐसे किसी भी प्रचार सामग्री का मुद्रण करने से पूर्व संबंधित अभ्यर्थी, उनके निर्वाचन अभिकर्ता, उनके प्रस्तावक/समर्थक से मुद्रण के संबंध में लिखित रूप से सहमति प्राप्त करना आवश्यक है।
साथ ही मात्रा में एवं किस साईज में प्रचार सामग्री यथा हैंडबिल, पोस्टर बैंनर, फ्लैक्सी, बुकलेट आदि के प्रत्येक पृष्ठ पर अंकित किया जाना अनिवार्य है। यदि इसका या लोक प्रतिनियम 1951 के धारा 127 ए के प्रावधान अथवा भारतीय दण्ड विधान की धारा 171 एच का उल्लंघन करते हुए किसी प्रेस को पाया जाता है, तो संबंधित प्रेस संचालक/प्रेस स्वामी के विरूद्ध उक्त वर्णित धारा के नियमानुकूल विधिसम्मत् कार्रवाई तत्काल प्रभाव से प्रारंभ की जाएगी।