भाग लेंगे जल पुरुष डाक्टर राजेन्द्र सिंह प्रेस वार्ता में दी गई जानकारी…
मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानंद ठाकुर : आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वराज्य के प्रणेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की स्मृति में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर समृति न्यास के तत्वावधान में आयोजित होने वाले स्वराज्य पर्व के परिप्रेक्ष्य में 28 मई को राम दयालु सिंह महाविद्यालय के श्री कृष्ण सभा भवन में ‘सामुदायिक विकेंद्रित जल प्रबंधन’ विषयक राष्ट्रीय परिसंवाद हेतु एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
आयोजन की रूपरेखा तथा तैयारी की विस्तृत जानकारी देते हुए प्राचार्या डॉ अमिता शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है जिसमें जल पुरुष के नाम से पूरे संसार में विख्यात डॉ राजेंद्र सिंह को हम लोग सुनेंगे। पर्यावरण प्रदूषण तथा मानवीय महत्वकांक्षा के कारण जल प्रदूषण और संकट दिनानुदिन बढ़ता चला जा रहा है। कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित डॉ राजेंद्र सिंह ने अपना जीवन ही जल की चिंता और चिंतन के लिए समर्पित कर दिया है।
नदियों को एक दूसरे से जोड़ने के साथ ही पोखर, तालाब तथा अन्य जल संग्रहण के संसाधनों को बनाए रखने की आवश्यकता है। जीवन और हरियाली को बचाए रखने के लिए जल को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जल का बहुत दुरुपयोग होता है, अनावश्यक रूप से उसकी बर्बादी होती है जिसे रोकना अनिवार्य है।
परिसंवाद के संयोजक साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कहा कि डॉ राजेंद्र सिंह की कई पुस्तकें जल के विषय में प्रकाशित और चर्चित हैं। उन्होंने लगातार इस पर शोध किया है और आज भी जन जागरूकता के लिए वह पूरे देश विदेश में संवाद करते रहते हैं। जल ही जीवन है कहने के बावजूद हम जल के प्रति बहुत संवेदनशील नहीं हैं। शुद्ध जल विशेष रूप से पेयजल का अभाव होता चला जा रहा है। जल के प्राकृतिक स्रोत या तो सूखते या फिर नष्ट होते चले जा रहे हैं।
डॉ राजेंद्र सिंह ने जन सहयोग से कई मरती हुई नदियों को पुनर्जीवित किया है। देश के कई प्रांतों में तालाब, नहर, झील और पोखर को बचाते हुए उसके लिए उचित जल का प्रबंधन भी अपने परिश्रम और सूझ बूझ से किया है। जल संरक्षण के लिए व्यापक जन जागरूकता तथा सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित किए बिना जल संकट को दूर नहीं किया जा सकता है। केवल सरकार के भरोसे जीवन-संजीवनी जल को संकट में छोड़ना कहीं से भी विवेक सम्मत नहीं है।
समाज के हर व्यक्ति को जल संकट की समस्या के निदान के लिए आगे बढ़ कर आना होगा तभी आने वाली पीढ़ियों को बचाया जा सकता है। जल के बिना जीवन हरियाली और प्रकृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इस अभियान को पूरे देश में ले जाने के लिए न्यास समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार को साधुवाद कि वे मैग्सेसे जैसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ राजेंद्र सिंह की व्यवस्थाओं के बीच से उनकी दूरदर्शिता और चिंतन का लाभ भारतीय जनता को भी उपलब्ध करा रहे हैं।
अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने राष्ट्रीय सेमिनार में ज्यादा से ज्यादा युवाओं तथा प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति के लिए निवेदन किया और कहा कि डॉ राजेंद्र सिंह अपने संवाद से जल के प्रति हमारे भीतर जिस करुणा को जगा देते हैं वह प्रणम्य है। इस सेमिनार में बाहर से कई विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। कई बड़े नामों की स्वीकृति आ चुकी है। प्रेसवार्ता में डॉ रजनीश कुमार गुप्ता, राजीव कुमार, डाॅ पायोली, डाॅ मीनू कुमारी, डाॅ गणेश कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि इस सेमिनार को लेकर छात्रों में उत्साह है और वे निबंध, संभाषण तथा चित्र के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति के लिए तैयार हैं। मौके पर डाॅ ललित किशोर, शैलेन्द्र चौधरी, दीपक कुमार, सोनी, चंदन, रुपेश आदि की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।