-चाइल्ड फ्रेंडली स्पेशल निर्माण की जरूरत
Muzaffarpur/Befoteprint: समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार यूनिसेफ तथा एक्शन एड के संयुक्त तत्वावधान में बाल अधिकार सप्ताहांत के अवसर पर मुजफ्फरपुर विकास मंडल के परिसर में जिले के विभिन्न प्रखंडों के चयनित किशोर किशोरियों का एक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि ज्ञान प्रकाश, अनुमंडलाधिकारी मुजफ्फरपुर पूर्वी, एक्शन एड के क्षेत्रीय प्रबन्धक, सौरव कुमार, विकास मंडल के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार व सचिव वंदना शर्मा ने किया। सम्मेलन में विषय प्रवेश कराते हुए सौरव कुमार, क्षेत्रीय प्रबन्धक, एक्शन एड ने बच्चों के अधिकारों पर चर्चा करते हुए सहस्राब्दी लक्ष्य के तहत दुनियावी स्तर पर चाइल्ड फ्रेंडली स्पेस निर्माण करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर चाइल्ड फ्रेंडली विलेज के लिए सरकारी, गैरसरकारी संगठनों, नागरिक समाज तथा विभिन्न संस्थानों को साथ मिलकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मिलकर प्रयास करने पर बल दिया।
अनुमंडलाधिकारी मुजफ्फरपुर पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने अपने संबोधन में किशोर किशोरियों को लेकर सरकार की योजनाओं के संबंध में चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के बारे में जानकारी दी कि किस प्रकार लड़की के जन्म लेने से स्नातक की डिग्री लेने तक उन्हें इस योजना से लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कृत संकल्पित है कि बच्चों के संरक्षण के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने हों उसमें कोई कोताही नहीं बरती जायेगी।
बाल विवाह को रोकने को लेकर उन्होंने बताया कि सूचना प्राप्त करने से लेकर उसे रोकने के लिए प्रभावी तंत्र का इस्तेमाल करते हुए इस वर्ष दर्जनों बाल विवाह को रोका गया है। बच्चों ने इस सम्मेलन में सामूहिक रुप से सक्रिय होकर सहभागी तरिके से एक मांग पत्र तैयार किया। मांग पत्र को तैयार करने को लेकर प्रक्रिया का फैसिलिटेशन अरविन्द कुमार, जिला समन्वयक,एक्शन एड ने किया।
इस मांग पत्र के साथ विरेन्द्र कुमार, ज्योति कुमारी, अंजली कुमारी, स्मिता कुमारी, विभा कुमारी ने अपराह्न में जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखी और मांग पत्र सौंपा। विदित हो कि एक्शन एड ने बाल दिवस 14 नवम्बर से विश्व बाल दिवस 20 नवम्बर तक बच्चों के साथ एक प्रक्रिया कर चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत बनाने की दिशा में मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग पंचायतों में बच्चों ने बच्चों के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए मांगपत्र तैयार किया और संबंधित मुखिया के समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें सौंपा गया कि वे उसे ग्राम पंचायत योजना में शामिल करें।