Muzaffarpur/Brahmanand Thakur बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में समर्थ बिहार एवं मुजफ्फरपुर नगर के प्रबुद्ध नागरिकों के संयुक्त तत्वाधान में “नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बिहार” के ऊपर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री संजय कुमार को सम्मानित किया गया। श्री संजय कुमार, जिनको लोग बिहार के बाहर “संजय बिहारी” के भी नाम से जानते हैं, मोतिहारी जिला के मूल निवासी हैं। दिल्ली के सेंट्स स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने समाज सुधार को अपना प्रोफेशन बनाया और पिछले लगभग तीस वर्षो से समाज सुधर का काम भारत के विभिन राज्यों में करते रहे है।
श्री संजय कुमार “जम्मू कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट” तथा “समर्थ बिहार” के संस्थापक हैं। मुजफ्फरपुर के प्रबुद्ध नागरिको के आह्वान पर वे मुजफ्फरपुर में आमंत्रित थे। श्री संजय कुमार कश्मीर में पिछले करीब बीस वर्षो से कार्यरत हैं और वे वहां के भटके हुए युवावों को राष्ट्र के मुख्या धारा में लाने में बहुत हद तक सफलता पायी है। इसके आलावा भोजपुर के माओवादी संगठनों और किसानो के बीच वर्षो पहले समझौता कराने में निमित बने थे। कश्मीर में कॉलेज/ यूनिवर्सिटी कैंपस और पंचायत स्तर पर नशामुक्ति अभियान में हजारो लोग उनके आंदोलन के साथ जुड़े हुए हैं।
कार्यक्रम में विषय प्रवेश करते हुए पूर्व रक्षा वैज्ञानिक एवं समर्थ बिहार के संयोजक श्री एस. के. सिंह ने कहा कि इतिहास के बीच से एक महीन रेखा गुजरती है, जो लोग इसको देख पाते हैं वे इतिहास बनाते हैं और जो नहीं देख पाते वे इतिहास बनते चले जाते हैं। मुजफ्फरपुर के प्रबुद्ध लोगों ने इस रेखा को पहचानते हुए नशामुक्ति के लिए जो अपनी भागीदारी व्यक्त की है, आगे आनेवाले समय में यह बिहार का इतिहास बनाएगा। श्री सिंह ने मुजफ्फरपुर के बौद्धिक और राजनितिक सोच को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बिहार विश्वविद्यालय के डॉ कौशल किशोर चौधरी के नेतृत्व में नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बिहार के लिए मुजफ्फरपुर से एक जन आंदोलन शुरू किया जाय जो अन्य जिलों के लिए एक उदहारण बने। मंच सञ्चालन डॉ कौशल किशोर चौधरी ने किया।
मुख्य वक्त के रूप में श्री संजय कुमार ने अपने अनुभवों को लोगों के साथ साँझा किया तथा उन्होंने यह जोर देकर कहा कि अभी तक उन्होंने ज्यादा समय बिहार के बाहर समाज को जागरूक करने में दिया है, अब समय आ गया है कि बिहार के प्रति अब वे अपने सामजिक दायित्यों का निर्वाह करे और इसके लिए बिहार में मुजफ्फरपुर से ज्यादा उपयुक्त कोई और जगह नहीं हो सकता क्योकि मुजफ्फरपुर का इतिहास सामजिक आंदोलनो से भरा हुवा है। उन्होंने बताया कि किस तरह नशा और अपराध एक दूसरे को बढ़ा रहे हैं और इसके लिए कहीं न कहीं सरकार भी उत्तरदायी है क्योकि सरकार ने नशा विरोधी कानून तो बना दिया लेकिन नशा मुक्ति के उचित शिक्षण पर जोर नहीं दिया । समर्थ बिहार मुजफ्फरपुर जिला को पहले नशामुक्त करने के लिए एक सामजिक आंदोलन चलाएगा और यही से पुरे बिहार में इसकी धमक होगी।
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे जिसमे मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर नगर निगम कि उप मेयर डॉ मोना लिसा, सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ नवीन कुमार, समाजसेवी श्री रामकिशोर सिंह, पूर्व जिला पार्षद श्री मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह एवं श्री अमित कुमार , लेखक एवं विचारक श्री विष्णु कांत झा, विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर श्री आर पी यादव तथा स्नातकोत्तर छात्र श्री प्रिंस सिंह शामिल थे । इस अवसर पर श्री जयराम सिंह , निर्माण भर्ती के संपादक श्री जी एन भट्ट सहित शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। सभागार में उपस्थित करीब 200लोगो ने इस बात पर अपनी सहमति जताई कि यह एक प्रासंगिक मुद्दा है और इसमें सभी लोगों का समर्थन प्राप्र्त होगा। सभी वक़्तवो ने डॉ कौशल किशोर चौधरी को इस कार्य की शुरुवात करने के लिए बधाई एवं धन्यवाद दिया। धन्यबाद ज्ञापन सेंट्स कोलोम्बोस स्कूल के निदेशक श्री राजेश कुमार मिश्रा ने किया।