ग्रामीण सड़कों पर लोग रख रहे पुआल एवं जलावन, बांध रहे मवेशी मुश्किल हो रहा गाड़ियों का परिचालन

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/Brahmanand Thakur. यह अलग बात है कि हाई कोर्ट सड़कों पर अतिक्रमण के मामले पर संज्ञान ले रही है और कार्रवाई के निर्देश दे रही है। इसके बावजूद सरकार के अधिकारी अतिक्रमित सड़कों को दिन-रात देखने के बावजूद कार्यवाई करने की जरूरत महसूस नहीं करते है। लिहाजा देखा-देखी सड़कों पर कई तरह से बेरोक-टोक अतिक्रमण करने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। लिहाजा इसके कारणों से कई बार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। समय के साथ अतिक्रमण के तरीके बदलते रहते हैं। इन दिनो ग्रामीण इलाकों में क्षेत्र के मुख्य सड़कों पर जलावन के रूप में ढैंचा तथा धान के पुआल आदि स्थानीय लोगों द्वारा रखकर सुखाने या उससे दाना निकालने का सिस्टम बेरोकटोक चल रहे हैं। इस तरह की तस्वीर बंदरा एवं गायघाट प्रखंड क्षेत्र के आसपास के कई इलाकों में देखी जा रही है।

सुबह सवेरे होने तथा धूप खिलने के साथ ही पास के ग्रामीणों के द्वारा मुख्य सड़क पर पुआल, ढैंचा,धान आदि को मुख्य सड़क पर रख दिए जा रहे हैं। जिस होकर गाड़ियों का परिचालन बेहद खतरनाक बना रहता है। इस पर होकर बाइक,साइकिल तथा छोटी गाड़ियों का परिचालन मुश्किल हो रहे हैं।कई जगहों पर पक्की सड़कों को भी पानी बहाव आदि कारणों से खोद दिए गए हैं। चालकों द्वारा रोकने-टोकने पर अतिक्रमणधारियों द्वारा विवाद एवं झड़प की घटनाएं होती रहती है। कई बार इन स्थलों पर परिचालन से गाड़ियों को नुकसान पहुंच रहा है तो कई बार फिसलन की वजह से इस पर दुर्घटनाएं हो जा रही है।

गाड़ी मालिक सोनू पांडेय ने बताया की यह अलग बात है कि गाड़ी मालिक रोड टैक्स के नाम पर सरकार को सालाना राशि भी भरती है, बावजूद सड़क की सुविधाएं कितनी है। यह गाड़ी चालक से समझा जा सकता है। गाड़ी चालक अजय ठाकुर ने बताया कि स्थानीय लोग बीज या दाना निकालने तथा जलावन को सुखाने आदि के कारणों से इस तरह का हरकत करते हैं। किसी पर कोई कार्यवाही नहीं होने की वजह से देखा-देखी यह प्रक्रिया लगातार बढ़ रहा है। लिहाजा सड़कों पर गाड़ियां चलाना मुश्किल बना हुआ है। बन्दरा-जारंग, बंदरा-केवटसा,केवट्सा-सकरी, हत्था-कनौजर,केवट्सा-हनुमाननगर पथ सहित विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह की समस्या है। कई जगहों पर स्थानीय बाशिंदों के द्वारा सड़क के किनारों से निजी उपयोग की जलावन आदि स्थाई रूप से रखी गई है। जिसके कारण से सड़कों पर परिचालन मुश्किल बना रहता है। इस संबंध में अधिकारियों की अनदेखी पर भी सवाल उठ रहे हैं।

लोगों का बताना है कि इस समस्या का समाधान स्थानीय जनप्रतिनिधियों, थाना पुलिस एवं अधिकारियों के द्वारा जागरूकता का अभियान चलाने से भी बहुत हद तक हो सकता है। वही संबंधित लोगों के द्वारा समय-समय पर अनसुनी करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी होते रहने चाहिए। इस संबंध में बन्दरा सीओ राजीव रंजन ने बताया कि विभाग के अन्य कामों से फुर्सत नहीं हो पाती है। जहां अतिक्रमण बढ़ता है या स्थाई अतिक्रमण होते हैं। उन मामलों में शिकायत मिलने पर कार्रवाई जरूर होती है। उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी बातों के लिए स्थानीय थाने की पुलिस जब पेट्रोलिंग या संध्या गस्ती में निकलती है।इस दौरान ऐसे लोगों को रोका-टोका जा सकता है। इससे भी समस्या का समाधान हो सकता है। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी अपने स्तर से लोगों को समय-समय पर रोकते-टोकते रहना चाहिए।