शिक्षा मंत्री की जीभ काटने सम्बंधी संत की घोषणा आपराधिक कृत्य- ऐपवा

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/Beforeprint : अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस संबंधी बयान के पक्ष विपक्ष में बहस और तर्क हो सकते हैं लेकिन उनकी जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा अयोध्या के एक आचार्य की घोषणा को आपराधिक कृत्कय करार दिया है। एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसा कर के तथाकथित आचार्य द्वारा खुल्लमखुल्ला हिंसा का आह्वान किया जा रहा है. सरकार को इसके खिलाफ कारवाई करनी चाहिए.

इस साधु के पास इतना पैसा कहां से आया है? आम लोग अपनी धार्मिक आस्था से मंदिरों को चढ़ावा देते हैं लेकिन उस पैसे का उपयोग धार्मिक या जनकल्याण के काम में करने के बदले उस पैसे से जीभ काटने या सिर कलम करने की आज बात की जा रही है.यह खुले आम हिंसा का आह्वान है. यह आपराधिक कृत्य है .सुशील मोदी समेत भाजपा के जो नेता सड़कों पर आज आंदोलन कर रहे हैं उन्हें पहले इस हिंसक बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

तुलसीदास जी ने जिस काल में रामचरित मानस लिखा था, वह सामंती समाज व्यवस्था का दौर था और सामंती व्यवस्था में स्त्रियों और दलितों की अधीनता को जायज ठहराया गया है, अनैतिक नहीं माना गया है इसलिए मानस में ऐसी कई चौपाइयां हैं जो स्त्रियों को दोयम दर्जे का दिखाती हैं. उस दौर में स्त्रियों और दलितों के लिए शिक्षा सहज उपलब्ध नहीं थी आज जब महिलाएं या समाज का वंचित हिस्सा जब शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो इस पर चर्चा होगी. इसे राम में किसी की आस्था का अपमान करना नहीं समझा जाना चाहिए.