मुजफ्फरपुर/बीपी प्रतिनिधि। रेलीजियस सहिष्णुता, आपसी सदभावना व विवेकशीलता, और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान द्वारा आज “दो दिवसीय अंतरधर्मीय संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सरला श्रीवास जयंती पखवाडा के अवसर पर यह संवाद मुजफ्फरपुर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित हुआ।संवाद की अध्यक्षता रंगकर्मी सुनील कुमार ने की। संस्थान के संयोजक लोक कलाकार सुनील कुमार ने बताया कि लोक नायिका,स्त्री रत्न सरला श्रीवास सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया करती थी। धर्म बहुलता वाले अपने देश में समाजिक समरसता कायम रखने के लिए अंतधर्मीय संवाद का आयोजन सामाजिक संस्थानों , धार्मिक स्थलों
ज्योतिष केंद्र ,राम जानकी मंदिर तिलक मैदान,अघोरिया बाजार, शम्सी युवा विकास मंच,मंसूरपुर चमरुवा,एवं कर्जा गांव मे किया गया।
इस अवसर पर ज्योतिष केंद्र के संस्थापक आर के मिश्रा ने कहा कि मानव की प्रतिष्ठा में ही धर्म की प्रतिष्ठा है। सरला श्रीवास सोशल कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरज कुमार ने कहा कि संस्कृति और राष्ट्रीयता के जनक स्वामी विवेकानंद कहा करते थे, कि ‘सच्ची ईशोपासना यही है कि हम अपने मानव-बंधुओं की सेवा में अपने आपको लगा दें।
शम्सी युवा विकास मंच से मोहम्मद हसीब ने कहा कि मानव धर्म वह व्यवहार है जो मानव जगत में परस्पर प्रेम, सहानुभूति, एक दूसरे का सम्मान करना आदि सिखाकर हमें श्रेष्ठ आदर्शो की ओर ले जाता है। रजवी क्लासेज के संस्थापक मोहम्मद एजाज रजवी ने कहा कि धर्म उस सर्वप्रिय, सर्वश्रेष्ठ और सर्वहितैषी स्वच्छ व्यवहार को माना गया है जिसका अनुसरण करने से सबको प्रसन्नता एवं शांति प्राप्त हो सके। सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश कुमार ने बताया कि धर्म वह मानवीय आचरण है जो अलौकिक कल्पना पर आधारित है ।
इस अवसर मुन्ना मिश्र व्यास,सुनील कुमार ओझा,मोहम्मद हसीब,मोहम्मद एजाज रज़वी,मोहम्मद अनानुल हक,रूपेश कुमार,फिरोज अहमद ,अमीर हसन,जयचंद कुमार,गायिका सपना राज सम्मान पत्र एवं बैच लगाकर सम्मानित किया गया।
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