नवरात्रा के दौरान सात जिलों में चलेगा ‘शिक्षा चौपाल- शिक्षाग्रह’ अभियान!

मुजफ्फरपुर
  • ‘मंत्रा4चेंज समेत आधा दर्जन संस्थाओं ने संभाली कमान

स्टेट डेस्क/मुजफ्फरपुर: ‘मंत्रा4चेंज’ एवं ‘बिहार महिला समाख्या’ फेडरेशन के नेतत्व में राज्य के सात जिलों के दो दर्जन से अधिक प्रखंडों में ‘शिक्षा चौपाल – शिक्षाग्रह’ का आयोजन अक्टूबर के प्रथम हफ्ते में होने जा रहा है. मंत्रा4चेंज की उर्मिला ने बताया कि शारदीय नवरात्रा के दौरान 3 अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक यह अभियान किशोरियों को शिक्षा से जोड़ने को लेकर चलाया जा रहा है.

यह सर्वविदित है कि नवरात्रा के दौरान बेटियों को देवी के रूप में मानकर किशोरी पूजन किया जाता है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि हमारा समाज उसी बेटी को लैंगिक भेदभाव का शिकार भी बनाता है. इस अभियान के दौरान लोगों से यह अपील की जाएगी कि नवरात्र में बेटियों को ‘देवी’ मानकर आप पूजे या न पूजे, पर इस पावन अवसर पर समाज की हर लड़की को शिक्षित करने का संकल्प लेना और उनका सम्मान करना ही देवी की सच्ची आराधना होगी.

अपने भीतर बैठे काम, क्रोध व लोभ रूपी ‘महिषासुर’ को मार कर “शिक्षाग्रह” अभियान के दौरान लोगों से यह शपथ दिलायी जाएगी कि हम सभी अपनी मां, बहन-बेटियों और बहुओं का सम्मान करेंगे. बेटियों को कम-से-कम 12वीं कक्षा तक जरूर पढ़ाएंगे. 18 वर्ष की उम्र से पहले शादी नहीं करेंगे. उनके साथ होने वाली हिंसा को मिलकर रोकेंगे.

जानकारी हो कि यह अभियान कैमूर, गया, रोहतास, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर एवं मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों में 150 से अधिक गावों में चलाया जाएगा, जिसमें 25 हजार से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है. ज्योति महिला समाख्या मुजफ्फरपुर, सृष्टि महिला समाख्या शिवहर, दीपमाला संस्था कैमूर, समृद्धि संस्था रोहतास, हमारी दृष्टि गया, स्वाधा महिला समाख्या पश्चिम चंपारण, प्रगति एक प्रयास सीतामढ़ी की महिला कार्यकर्त्ता इस अभियान को स्थानीय स्तर पर सफल बनाने में जुटी हैं.

‘शिक्षा चौपाल – शिक्षाग्रह, कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिथियों, आशा, आंगनबाड़ी केंद्रों, बीआरसी, सीआरसी, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, अभिभावक एवं किशोरियों को भी आमंत्रित किया जा रहा है.

सोशल मीडिया के जरिए इस अभियान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए भी तैयारी कर ली गयी है. मंत्रा 4 चेंज की उर्मिला ने बताया कि यह अभियान आने वाले दिनों में बिहार के अन्य जिलों में भी चलाया जाएगा, ताकि स्कूलों से किशोरियों का छीजन रोका जा सके और बेटियों की शिक्षा को लेकर आमलोगों का नजरिया बदल सके.