डाक्टर की हैवानियत की शिकार सुनीता में जगी जीवन की आस, एक बुजुर्ग बिजली मिस्त्री ने की अपनी किडनी देने की पेशकश, पहले ही दान कर चुके हैं अपना शरीर

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/ Befoteprint : डाक्टर की हैवानियत से अपनी दोनों किडनी गंवा चुकी सुनीता में जीने की आस फिर जगने लगी है। सुनीता की मदद के लिए मुजफ्फरपुर, बालूघाट के 76 वर्षीय बिजली मिस्त्री श्याम सुंदर ने उसे किडनी दान देने की पेशकश की है। वे पहले ही मृत्यु के बाद अपना शरीर एसकेएमसीएच को दान में दे चुके हैं।श्याम सुंदर ने रविवार को एसकेएमसीएच की आईसीयू में भर्ती सुनीता, उसकी मां व पति अकलू राम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह अपनी एक किडनी सुनीता को दान देंगे। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए वह आईजीआईएमएस भी जाएंगे। श्यामसुंदर सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार में अकेले हैं और बिजली मिस्त्री का काम करते हैं। वह लगातार अखबारों में सुनीता के बारे में पढ़ रहे हैं।

इससे उन्होंने सुनीता को किडनी देने का मन बनाया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने आठ वर्ष पहले अपना शरीर भी एसकेएमसीएच को दान दिया है। वे आज एसकेएमसीएच अधीक्षक से इस सम्बंध में मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र हो गई है और उनका कोई अंग दान में देने से किसी की जिंदगी बच जाएगी, इससे बड़ा कोई परोपकार नहीं हो सकता है। वह पहले एसकेएमसीएच के कंट्रोल रूम में गये। वहां से उन्हें हेल्थ मैनेजर राजीव कुमार के पास भेजा गया। हेल्थ मैनेजर ने उन्हें सुनीता के परिवार वालों से मिलवाया।

इधर, सुनीता और उसके परिवार वालों में भी उम्मीद की किरण जगी है। सुनीता की मां ने बताया कि सुनीता को एक किडनी भी मिलने से उसकी जान बच जाएगी। उसके बच्चों को मां के आंचल की छाया मिलेगी।सुनीता की एसकेएमसीएच में कल डायलिसिस नहीं हुई। आज डायलिसिस की जाएगी।बताते चलें कि सकरा के बरियारपुर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में गत तीन सितंबर को बच्चेदानी के ऑपरेशन के दौरान सुनीता की दोनों किडनी निकाल ली गई थी। इसके बाद उसे पहले एसकेएमसीएच, आईजीआईएमएस और फिर एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया।

सुनीता को किडनी देने की पेशकश करने वाले बुजुर्ग से शपथ पत्र लिया जाएगा। इसके बाद उनकी जांच की जाएगी कि इस मामले में कोई आर्थिक लेनदेन तो नहीं हो रही है। इसके बाद किडनी दानकर्ता की मेडिकल जांच कराई जाएगी।