Muzaffarpur/Brahmanand Thakur : एसकेएमसीएच के सीसीयू वार्ड में भर्ती मरीज की मौत शुक्रवार को हो गई। मृतक गायघाट के बेरुआ निवासी जयकिशून साह 70 वर्षीय था। इसके मौत से परिजन चिकित्सीय उपेक्षा का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इससे कक्ष में कुछ देर के लिए अफरा तफरी मची रही। परिजन कक्ष परिचारिका पर मरीज की हालत गंभीर होने पर चिकित्सक को नहीं बुलाने का आरोप लगाते हुए अभद्र व्यवहार करने लगी। इससे कक्ष में भर्ती मरीज घबरा गए और कक्ष से बाहर निकल गए। आक्रोशित परिजनों को तैनात सुरक्षा गार्ड ने समझा बुझाकर शांत कराया। इसके बाद परिजन निजी शव वाहन से शव लेकर गांव गए।
11 बजे से तक लेट नहीं , 12 बजे के बाद भेंट नहीं, की कहावत एसकेएमसीएच में प्रमाणित हो रही है। इसके लिए सरकार चाहे जितना भी प्रयास कर ले, प्राचार्य एवं अधीक्षक मीटिंग दर मीटिंग कर ले, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे का कसम खाकर शायद यहां के चिकित्सक बैठ चुके हैं। इसी के कारण तो ओपीडी में ससमय चिकित्सक उपलब्ध नहीं होते हैं। यही नहीं लेट लतीफ आते भी हैं तो पहले इंटर्न जो स्वयं प्रशिक्षण को पहुंचते हैं । इन्हें भी यहां कोई वरीय चिकित्सक ज्ञान देने वाले नहीं होते हैं। जिसके कारण कई इंटर्न अब आना भी कम कर दिए हैं।
एक इंटर्न तो नाम नहीं छापने की शर्त पर स्पष्ट बताते हैं कि यहां के वरीय चिकित्सक प्रशिक्षण नहीं देते वल्कि किसी भी गलत सही काम करने की अनुमति दे रखी है जो कहीं से उचित नहीं है। मालूम हो कि एसकेएमसीएच के महिला एवं पुरुष ऑर्थो विभाग के ओपीडी में गुरुवार को 10:40 बजे तक कोई जूनियर से वरीय चिकित्सक तक उपलब्ध नहीं थे। जिसके कारण मर्ज का पीड़ा बढ़ा रहा। वह कतार में लगे चिकित्सकों को कोस रहे थे। कई मरीजों ने तो स्पष्ट कहा कि यहां हड्डी के पीरा से ज्यादा इलाज कराने का पीड़ा झेलना पड़ रहा है। 7:00 बजे से कतार में हूं और 10:30 बजे तक किसी का अता पता नहीं है। कंट्रोल रूम भी नाम का है शिकायत करने पर भी कोई पहल नहीं हो रहा है।
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