रहेगी आबो-हवा में ख़याल की बिजली ये मुश्ते-ख़ाक है फ़ानी, रहे रहे न रहे- भगत सिंह के इसी शेर के साथ मनाई गई 115वीं जयंती

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/Befoteprint : ऐसे कई इन्क़लाबी शे’र हैं जिसे हम भगत सिंह के नाम से याद करते हैं और उनके द्वारा लिखा गया समझते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. ये वो शे’र हैं जो भगत सिंह को बहुत पसंद थे और वे उन्हें अक्सर गुनगुनाते या गाते थे. आज हम भगत सिंह के इन्हीं पसंदीदा शेर के साथ मुजफ्फरपुर जीरो माइल गोलम्बर पर उनकी प्रतिमा को फूल माला अर्पित कर जयंती मनाई गई.

भगत सिंह के पसंदीदा पांच शे’र या नारे की बात करेंगे जिसे लिखा था किसी और ने लेकिन इन्हें लोगों के दिलों-दिमाग तक पहुंचाने का काम किया भगत सिंह और उनके साथियों ने. यह कहना भी ग़लत नहीं होगा कि देश की आजादी की लड़ाई में इन गीतों, ग़ज़लों, नारों का एक अहम योगदान रहा है.

भगत सिंह के जन्मदिन भारत मां की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह को जन्मदिन पर नमन करते हुए मुशहरी प्रखण्ड अन्तर्गत शहीद भगत सिंह चौक पर जीरोमाइल गोलम्बर के प्रांगण में देश के महान राष्ट्रभक्त शहीद भगत सिंह जी के जयंती के अवसर पर बोचहा विधानसभा के विधायक अमर कुमार पासवान ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया.

उन्होने अपने क्षेत्र वासियों के साथ कार्यक्रम स्थल पर उनकी जयंती केक काट कर मनाया। मौके पर चंदन यादव ,सरोज यादव अन्य दर्जनों कार्यकर्ता सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे.