रमई राम के निधन पर शोक की लहर, कुछ देर में उनका शव लाया जाएगा उनके आवास, मालीघाट पर प्रशंसक देंगे श्रद्धांजली

मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर/बिफोर प्रिंट। दलित नेति और बिहार की राजनीति में 40 बर्षों तक लम्बी पारी खेलने वाले रमई राम के निधन से जिले में शोक की लहर है। उनका सब कुछ देर में उनके मालीघाट (मुजफ्फरपुर) आवास पर पहुंचने वाला है।अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजली देने के लिए लोग उनके आवास पर पहुंचने लगे हैं। लम्बे समय से बीमार चले रहे पूर्व मंत्री रमई राम का पटना के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां आज दोपहर उन्होने अंतिम सांस ली। 1944 में जन्मे रमई राम लंबे समय तक राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे। जिले के बोचहां विधानसभा क्षेत्र का सर्वाधिक समय तक प्रतिनिधित्व करने वाले रमई राम ने पिछले उपचुनाव में बेटी गीता देवी को वीआइपी का उम्मीदवार बनाया था। वे लालू प्रसाद, राबड़ी, नीतीश एवं मांझी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे।

पिछले पांच दशक से रमई राम बोचहां विधानसभा की राजनीति के केंद्र में रहे। वर्ष 1972 से 12 आम चुनाव और एक उपचुनाव में वे यहां से उम्मीदवार रहे। नौ बार विधायक बने। दो बार मुसाफिर और एक बार बेबी कुमारी से उन्हें मात मिली। दलित राजनीति में भी उनकी पकड़ मजबूत रही। यही कारण रहा कि उनकी सभी दलों में प्रतिष्ठा थी। राजद एवं जदयू के अलावा उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गाेपालगंज लोकसभा सीट से वर्ष 2009 का चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गये। वर्ष 2010 विधानसभा चुनाव की जीत उनकी अंतिम जीत रही। इसके बाद लगातार दो विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

पिछले बोचहां उपचुनाव से पहले उन्होंने राजद का साथ छोड़ दिया था। वे वीआइपी से बेटी को उम्मीदवार तो बनाए, मगर जीत दिलाने में सफल नहीं हो सके, बोचहा के विधानसभा चुनाव मे दो बार मुसाफिर और एक बार बेबी कुमारी से उन्हें मात मिली। दलित राजनीति में भी उनकी पकड़ रही। यही कारण रहा कि उनकी सभी दलों में प्रतिष्ठा थी। रमई राम अपने खांटी देसी अंदाज को लेकर लोकप्रिय थे। चुनाव के नामांकन में भी उनका तामझाम नहीं रहता था। वे रिक्शा पर भी नामांकन के लिए पहुंच जाते थे। महाशिवरात्रि पर शहर में निकलने वाले जुलूस में गले में सांप लपेटकर वे भी शामिल होते थे। उनका मां सरस्वती के प्रति भी उनकी बड़ी श्रद्धा थी।

मां सरस्वती का मंदिर बनाकर वे हर वर्ष धूमधाम से पूजा करते थे। उनके निधन पर शोक की लहर है। जिले के औराई विधायक एवं राजस्व एवं भमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बयान जारी कर कहा कि रमई राम के निधन से मर्माहत हूं। उनके निधन से राजनीति क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है। इसके अलावा जिले के सभी विधायकों एवं राजनीतिक दलों ने शोक जताया है। सांसद अजय निषाद, पूर्व मंत्री विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर, व‍िधान पार्षद, भाजपा नेता डॉ ममता रानी, प्रभात कुमार, जदयू नेता शब्बीर अब्बास ,प्रो धनंजय सिंह आदि ने शोक व्यक्त किया है।