मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानंद ठाकुर। साधारण किसान परिवार की मुजफ्फरपुर निवासी मडवन प्रखंड की स्वाति ने इंटरमिडियट परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रौशन किया है। वह अपनी सफलता का श्रेय सेल्फ स्टडी को देती है।आज बिहार इंटरमीडिएट का रिजल्ट आया है। साइंस के छात्र छात्राओं में मुजफ्फरपुर की स्वाति ने राज्य में संयुक्त रूप से चौथा स्थान प्राप्त किया है।
स्वाति के पिता विवेकानंद खांटी किसान हैं और मां माला सिन्हा शिक्षिका हैं। अपनी बेटी की सफलता पर माता-पिता काफी खुश हैं और वे भी बेटी के स्वाध्याय को उसकी सफलता का श्रेय देते हैं। पिता का कहना है कि स्वाति बचपन से ही काफी मेधावी रही है और उसने पांचवी तक की शिक्षा गुवाहटी से प्राप्त की। कक्षा छह से दसवीं तक की पढ़ाई अपने गृह प्रखंड मड़वन के प्रतापपुर गांव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की।
आगे के लक्ष्य की बाबत पूछे जाने पर पिता विवेकानन्द सिंह कहते हैं कि उनकी इच्छा तो बेटी को सिविल सर्विसेज मे भेजने की है पर बेटी नीट निकलकर डॉक्टर बनना चाहती है। मां माला सिन्हा बेटी की सफलता पर काफी खुश हैं और सफलता का श्रेय निरंतर अभ्यास को देती हैं। कोरोना के दौरान पढ़ाई काफी डिस्टर्ब होने पर भी विषम परिस्थितियों में बेटी ने लक्ष्य प्राप्त किया इसपर माला सिन्हा को काफी गर्व है।
बिहार में रैंकिंग प्राप्त करनेवाली स्वाति कहती है कि बचपन से ही वह पढ़ाई में मन लगाती थी। उसे उम्मीद थी कि उसका स्टेट रैंकिंग जरूर आएगी। अपनी सफलता का श्रेय वह ऑनलाइन क्लास के अपने सर को देते हुए खुश है कि विकट परिस्थितियों में उन्होने उसका सहयोग किया। अपने भविष्य की योजनाओं के बारे मे बताते हुए स्वाति कहती है कि वह नीट क्लियर कर डॉक्टर बनना चाहती है।
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उसका मानना है कि सेल्फ स्टडी कर छात्र सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कोरोना काल में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा पर हमने हिम्मत नही खोया और सफलता प्राप्त की।जो छात्र छात्राएं अभी पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए स्वाती ने संदेश दिया कि रूटीन बनाकर नियमित स्वाध्याय करने से सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होगी।